बाढ़ में फंसे लोगो के लिए बचाने वाली रेस्क्यू टीम ही जब आई मुश्किल में फिर
नदी का जलस्तर बढ़ने से एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आया
बाढ़ में फंसे लोगो के लिए बचाने वाली रेस्क्यू टीम ही जब आई मुश्किल में फिर
मध्य प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। ऐसे में प्रदेश के सभी नदी-नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे है। इस बीच दमोह जिले के तेंदूखेड़ा, जबेरा और नोहटा में तालाब फूटने से व्यारमा नदी का फसे लोगो जलस्तर बढ़ गया। जिसके कारण हटा के करीब एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। लेकिन ऐसे में लोगों को रेस्क्यू करने में लगा बचाव दल की नौका अचानक बीच नदी में बंद हो गई। जिसके बाद उसे एक पेड के सहारे रोके रखा। बाद में दूसरी मोटरबोर्ड के सहारे नदी के किनारे लाया गया।
इस बाढ से हटा अनुविभाग के करीब एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ प्रभावित है, पटेरा जनपद क्षेत्र के अंतर्गत इमलिया गांव पूरी तरह टापू बन गया है। यहां कितने लोग फंसे है, इसकी साफ जानकारी नहीं है। बाढ़ के हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाई। एसडीएम रीता डहेरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ए मिश्रा, एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह, पटेरा सीईओ ब्रतेश जैन सहित सारे प्रशासनिक अधिकारी नदी किनारे पहुंचे। साथ ही एनडीआरएफ के दमोह और सागर का बचाव दल भी अपनी नौका लेकर मौका पर पहुंचे। बचाव दल ने पहली बार में चार मासूम बच्चों के साथ उनके माता-पिता को भी सुरक्षित निकाला।
जिसको प्रशासन के द्वारा राहत शिविर में भेजने की बात कही, लेकिन वे सभी अपने रिस्तेदार के यहां चले गए। इसी तरह करीब 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। बताया जा रहा है कि जब बचाव दल इमलिया गांव पहुंचा तो वहां लोगों ने बचाव दल के साथ आने से इंकार कर दिया। जिस पर पहले जनपद उपाध्यक्ष राजेश पटैल और सरपंच महेश दुबे गांव पहुंचे और लोगों से साथ चलने को कहा।
लेकिन लोगों ने उनकी एक न सुनी और बचाव दल को खाली वापस आ पड़ा। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और जलस्तर कम होने का इंतजार कर रहे है। आपदा के इस समय में जनप्रतिनिधि भी मौका पर पहुंचे। विधायक पीएल तंतुवाय ने कहा अब कोई खतरा नहीं है। कांग्रेस नेता प्रदीप खटीक ने आपदा में प्रशासन से बहुत सी अपेक्षाएं है।
वही, एसडीएम रीता डहेरिया ने बताया कि बचाव कार्य किया जा रहा है। कोशिश है कि किसी भी प्रकार की कोई जनहानि न हो। सभी को सुरक्षित निकाला जाए, बाढ़ के कारण बंधा, बिजवार, मोहरा, इमलिया, जरौंदा, बलेह, हुसैना, लक्ष्मीखेडा बासन, इटवा छक्का आदि गांव प्रभावित हुए है। वहीं जो लोग टापू ने निकालकर आए है वे बचाव दल का आभार व्यक्त कर रहे हैं।