शहीद के परिजन पिछले 21 सालों से लड़ रहे लड़ाई,सरकार नहीं दे रही ध्यान | sagar tv news |

 

नक्सली हमले में शहीद होने के बाद भी सागर के एक युवा जांबाज सिपाही को न तो षहीद का दर्जा मिल सका और न ही सरकार उसके परिजनों को सम्मान निधि और अन्य सुविधाएं दे सकी। इसके लिए उसके परिजन पिछले 21 सालों से लडाई लड रहे है।

 

 

लेकिन सरकार ने अब तक ध्यान नहीं दिया। हालात यह है कि उसकी मां भी उसे याद करके रात दिन आंसू बहाती रहती है। बताया जा रहा है कि लाजपतपुरा वार्ड में रहने वाले 22 साल के युवा प्रदीप लारिया को सीआरपीएफ में कॉन्स्टेबल की नौकरी मिली थी।

 

 

उसने डेढ साल ही नौकरी की थी तभी ओडिशा में एक ऑपरेशन के दौरान वह नक्सलियों की गोली का निशाना बन गए। 11 अगस्त 2002 को उन्होेंने देष के लिए जान दे दी थी। षहीद प्रदीप के भाई प्रमोद और बुजुर्ग मां ने बताया कि प्रदीप सरकारी सुविधाओं को पाने का हकदार है। लेकिन 21 साल बाद भी एमपी सरकार ने पात्र होते हुए भी शहीद का दर्जा नहीं दिया।

 

 

सम्मान निधि, उचित सम्मान और सुविधाओं को पाने के लिए अभी भी सरकार से गुहार लगानी पड रही है। वही, परिजनों ने बताया कि जब 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सागर आएंगे तब उनके सामने मौन सत्याग्रह के माध्यम से अपना विरोध प्रकट करेंगे।

 

 

गौरतलब है कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा प्रकाशित किताब के तीसरे खंड में 1998 से 2004 के शहीदों का उल्लेख किया गया है। इसमें कॉन्स्टेबल प्रदीप कुमार लारिया की षहादत का भी जिक्र है।

 

 


By - SAGAR TV NEWS
03-Aug-2023

YOU MAY ALSO LIKE

Sagartvnews subscribe on youtube



NEWSLETTER

सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.