जिला अस्पताल में शव वाहन के लिए घंटों भटकते रहे परिजन, समाजसेवी संगठनों के लोग आये आगे
शव वाहन के लिए घंटों भटकते रहे मृतक के परिजन
जिला अस्पताल में शव वाहन के लिए घंटों भटकते रहे परिजन, समाजसेवी संगठनों के लोग आये आगे
शासन और जिला प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी पन्ना जिले की जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटिलेटर पर नजर आ रही है और इसका सीधा असर मरीजों या फिर उनके परिजनों पर पड रहा है। ऐसा ही एक शर्मसार करने देने वाला सामने आया।
बताया जा रहा है कि अजयगढ़ के भापतपुर ग्राम के मुकेश साहू के सडक हादसे के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान उनकी जान चली गई थी। लेकिन इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने गैर जिम्मेदाराना रवैया निभाते हुए उसकी डेड बाडी को घर ले जाने के लिए उसके लिए निषुल्क षव वाहन की व्यवस्था नहीं कराई।
4 घंटे तक उसके परिजन डेड बाडी को वार्ड में डाले रहे, क्योंकि अस्पताल प्रबंधन डेड बाडी को ले जाने के लिए 10 लीटर डीजल के लिए 1000 की मांग करता रहा। आखिरकार सामाजिक संगठन के लोग आगे आए और डीजल की व्यवस्था कराईं, तब कहीं जाकर उसकी डेड बाडी को घर ले जाया सका। हालांकि इस मामले पर अस्पताल के सिविल सर्जन आलोक गुप्ता ने यह सफाई दी कि हमें जैसे ही पता चला है तो हमने वैसे ही 1000 की राषि समाजसेवियों के वापस करा दी। हालांकि अभी तक पैसे उनके पास क्यों नहीं पहुंचे यह जांच का विषय है?