पति को गोद में उठाकर कलेक्ट्रेट पहुंची पत्नी,इलाज और अनुकंपा नियुक्ति की लगाई गुहार | SAGAR TV NEWS
’मैं ज्योति मौर्या जैसी नहीं हूं। जो अपने पति को छोड़ दूं। मैं आखिरी दम तक पति का साथ दूंगी। मेरे लिए वो ही सब कुछ है।’ ये कहना है उस महिला का, जो अपने दिव्यांग पति को गोद में उठाकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची। वह पांच साल से इसी तरह अपने पति को साथ लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है। मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर का है।
लवकुश नगर के परसानिया की रहने वाली प्रियंका गौड़ एक बार फिर अपने पति को गोद में उठाकर जनसुनवाई में पहुंचीं। शादी के एक साल बाद ही पति सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तब से वे चल नहीं पाते।
पत्नी अब पति के इलाज और अनुकंपा नियुक्ति के लिए गुहार लगा रही है। साल 2017 में अंशुल गौड़ की शादी प्रियंका गौड़ से हुई थी। शादी के एक साल बाद ही अंशुल एक हादसे का शिकार हो गया। उसके पैर और कमर में गंभीर चोटें आई थीं।
उन्हें सर्वाइकल पेन की बीमारी हो गई। आर्थिक तंगी से परेशान प्रियंका अपने पति के इलाज और मां के स्थान पर उसे अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं। लेकिन अब तक उसे कहीं से मदद नहीं मिली है।
प्रियंका ने बताया कि मैं सीएम आवास तक गई, लेकिन मेरी समस्या का निराकरण नहीं हुआ। मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर से मिलने आई। साहब बोले उनकी मां अध्यापक के पद थी आपके पति की योग्यता अध्यापक के स्तर की नहीं है, इसलिए अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल सकती है। मेरे पति विकलांग है मैं कैसे उन्हें डीएड-बीएड कराऊं।
मैं बीए पास हूं लेकिन मुझे नियुक्ति नहीं मिल सकती है। मैं भोपाल पति को ले जाकर सीएम हाउस में सीएम से मिलने पहुंची थी, लेकिन 1 सप्ताह के इंतज़ार के बाद भी सीएम से नहीं मिल सके। साथ ही कहा कि उन पर लोगों का 3 लाख से अधिक का कर्ज हो गया है।
जिसे चुका पाना मुश्किल हो रहा है। ऊपर से इलाज के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।