मां-बाप के साथ जेल में रह रही बेटी जाएगी स्कूल, जहां पढ़ते जेलर के बच्चे वहीं पर कराया दाखिला
मेरा क्या कसूर यह शब्द उस बेटी के जीवन पर सटीक बैठते हैं जो 1 साल की उम्र में अपने माता-पिता द्वारा किए गए अपराध की सजा उनके साथ जेल में रहकर काट रही है 3 साल यहां गुजारने के बाद उसकी उम्र अब 4 हो गई है
और अब वह जेल से रोज पढ़ने स्कूल जाएगी हटा में ऐसा मामला पहली बार सामने आया है जब किसी बच्चे को जेल से रोज स्कूल भेजा जाएगा और वापसी भी वही होगी वह भी उसी स्कूल में पड़ेगी जिसमें जेलर के बच्चे पढ़ते हैं दरअसल दमोह जिले के हटा में रहने वाले प्रहलाद लोधी और उसकी पत्नी उप जेल में धारा 302 ,304 498 में बंद है इनके साथ इनकी 4 साल की बेटी भी है हटा जेल के जेलर नागेंद्र चौधरी ने
बताया कि 10 जुलाई को जेल के निरीक्षण के दौरान एक अबोध बालिका से उनका सामना हुआ उन्होंने उससे स्कूल में पढ़ने जाना है पूछा तो उसने हां में सिर हिला दिया लेकिन उसे जेल से अपनी मर्जी से सीधे किसी स्कूल भेज देना जेल मैनुअल के हिसाब से उचित नहीं था उसकी इच्छा का सम्मान करते हुए जेलर ने सबसे पहले उसके माता-पिता से सहमति ली इसके बाद कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए न्यायालय से अनुमति प्राप्त की और अपने स्वयं के बच्चों के साथ
उसका नाम स्कूल में लिखवा दिया बता दें कि मासूम के माता-पिता उप जेल हटा में पिछले 3 साल से है घर में किसी अन्य जिम्मेदार के ना होने की वजह से यह मासूम उनके साथ ही जेल में रहती है