सागर में धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा महोत्सव,देश विदेश से अपने गुरु से मिलने पहुंचे शिष्य
सागर में धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा महोत्सव,देश विदेश से अपने गुरु से मिलने पहुंचे शिष्य
गुरु मंत्र लिए बिना नहीं मिलता पूजा अर्चना का फल: शास्त्री
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सागर में भी धूमधाम से गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। जिसमें शिष्यों ने अपने अपने गुरु से भेंट कर उनका पूजन अर्चन कर आशीर्वाद लिया। सागर के खुरई बीना रोड स्थित जैन धर्मशाला में पंडित गोकुल प्रसाद शास्त्री के शिष्यों ने कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें सागर संभाग सहित भोपाल, रायसेन, विदिशा, गुजरात, मुंबई ,इंदौर और विदेशों से भी शिष्यों ने एकत्रित होकर गुरु पूजन का पुण्य लाभ लिया। इस अवसर पर पंडित श्री गोकुल प्रसाद शास्त्री जी ने गुरु पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा कि यह एक अवसर होता है जब सभी शिष्य विशेषकर अपने गुरु से भेंट कर उनका आशीर्वाद लेते हैं, यह दिन व्यास पूजा का दिन होता है, क्योंकि सनातन धर्म में गुरु दीक्षा का बड़ा महत्व बताया गया है। इसीलिए आज के दिन बड़ी संख्या में लोग गुरु दीक्षा भी लेते हैं। गुरु दीक्षा के बिना किसी भी मनुष्य का जीवन पूर्ण नहीं होता। यहां तक कि शास्त्रों में वर्णन है यदि मनुष्य जब तक गुरु दीक्षा नहीं लेता तब तक उसके धार्मिक अनुष्ठान का फल भी नहीं मिलता। बिना गुरु के मनुष्य को ना तो सिद्धि ही मिलती है ना ही सद्गति। सनातन धर्म में गुरु को सृष्टि के पालन करता, संहार करता और रचयिता यानी कि ब्रह्मा विष्णु महेश से भी ऊपर का स्थान दिया गया है।
इस दौरान अपने गुरु का पूजन करने आए शिष्यों ने भी कहा कि जीवन में जब भी उन पर विपत्ति आई और वह जीवन के दोराहे पर खड़े हुए तब उन्होंने गुरु को याद किया और गुरु ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सदैव उन्हें सही दिशा दी।