सागर-बाघों के लड़ाई में घायल हुए नौरादेही के पहले बाघ किशन की मौत,किया अंतिम संस्कार

सागर-बाघों के लड़ाई में घायल हुए नौरादेही के पहले बाघ किशन की मौत,किया अंतिम संस्कार


नौरादेही अभयारण्य में 2018 में बाघ किशन और बाघिन राधा को शिफ्ट किया गया था। विभाग के अनुसार नौरादेही में किशन की मौत के बाद बाघों की संख्या 14 है। इनमें सभी बाघ युवा हैं। बाघ किशन 12 साल का था। बाघिन राधा 2019 और 2021 में दो बार शावकों को जन्म दे चुकी है। इस समय अभयारण्य के सभी बाघों का मूवमेंट नौरादेही, सिंगपुर और झापन रेंज में बामनेर नदी से रमपुरा घाट, चिकना नाला, कलुआ नाला, छोटा पीपला, विजनी और सिंगपुरी क्षेत्र तक 7 किलोमीटर एरिया में रहता है। बाघ को अपनी टेरिटरी बनाने के लिए एक बड़ा एरिया चाहिए होता है।


विभाग के अनुसार नौरादेही में बाघों की संख्या अब 14 है। इनमें सभी बाघ युवा हैं। 2018 में आई बाघिन राधा एन-1 अब सात साल की हो गई है। वहीं बाघ किशन एन-2 11 से 12 साल के बीच का है। बाघिन राधा 2019 और 2021 में दो बार शावकों को जन्म दे चुकी है। इस समय अभयारण्य के सभी बाघों का मूवमेंट नौरादेही, सिंगपुर अर झापन रेंज में बामनेर नदी से रमपुरा घाट, चिकना नाला, कलुआ नाला, छोटा पीपला, विजनी और सिंगपुरी क्षेत्र तक इस 7 किलोमीटर एरिया में रहता है।

 

इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक एके सिंह का कहना है कि किशन का शव जंगल में मिला है। प्रारंभिक जांच में मृतक बाघ किशन और बाहर से आए बाघ एन-3 के बीच टेरिटरी को लेकर कुछ दिन पहले लड़ाई हुई थी। इस लड़ाई में बाघ किशन गंभीर घायल हुआ था। गंभीर घायल होने के कारण किशन की मौत हो गई।


बाघ किशन एन-2 एवं एन 3 के बीच हुए संघर्ष का घटनाक्रम सामने आते ही वन विभाग की टीम ने पन्ना टाइगर रिजर्व से डाक्टर की टीम बुलाया था। पन्ना टाइगर रिजर्व से आए डा. संजय गुप्ता ने टीम हाथी की मदद से एन-2 बाघ किशन को तलाश किया था और इलाज किया था। बाघ किशन के जवड़े और चेहरे पर घाव था। वहीं लड़ाई के बाद से बाघ एन-3 घने जंगल में चला गया था। जो अब तक सामने नहीं आया है। टीमें जंगल में बाघ एन-3 की तलाश कर रही हैं। यदि वह घायल है तो उसका इलाज किया जा सके।

नौरादेही अभयारण्य में तीन दिन पहले हुए दो बाघों के संघर्ष में घायल हुए अभयारण्य के पहले बाघ किशन एन-2 की मौत हो गई। बाघ एन-3 से हुई लड़ाई में किशन बुरी तरह जख्मी हो गया था। उसके आंख व जबड़े में गहरा घाव था। जख्मी होने के बाद उसका इलाज किया जा रहा था, इस बीच शनिवार को सुबह पेट्रोलिंंग टीम को उसका शव जंगल में मिला। डीएफओ महेंद्र सिंह का कहना है कि किशन की मौत के बाद सभी अधिकारी जंगल पहुंच गए थे। पीएम के लिए जबलपुर से वेटरनरी कालेज से डाक्टर की टीम आई है। पीएम के बाद जंगल में ही बाघ का दाह संस्कार जंगल में किया गया। श्री सिंह के मुताबिक छह साल में यह पहला अवसर है, जब बाघों में लड़ाई हुई हो। डीएफओ श्री सिंह का कहना है मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ पाएगी। वैसे प्रथम दृष्टया यह मामला किशन एन 2 एवं एन 3 के बीच हुई लड़ाई का लग रहा है।

 


By - sagar tv news
18-Jun-2023

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