बेटे बहु ने माँ को घर से निकाला तो कोर्ट पहुंची मां केस लड़ा और जीती
सागर जिले के खुरई कोर्ट में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की आंखों में खुशी देखने को मिली क्योंकि उन्होंने अपने बेटे के खिलाफ भरण पोषण का केस लगाया था और वह अपने बेटे से केस जीत गई। गनपत गांव की लाडली बाई रजक ने बताया कि पति की मौत के बाद गांव में रहने वाला मेरा बेटा ही उसका सहारा था। उन्होंने बताया कि करीब 8 साल पहले अपनी कुल एक एकड़ जमीन अपने बड़े बेटे बरजोर रजक के नाम कर दी थी ताकि वह उसका भरण पोषण कर सके। करीब दो सालों तक तो सबकुछ ठीक ठाक चलता रहा उसके बाद आए दिन बेटा और बहू मारपीट और गाली गलौज करने लगे। ऐसे में थक हारकर गांव में ही दूसरी जगह पर अकेली रहने लगी। विधवा पेंशन ही उसका सहारा थी लेकिन इसके बाद भी भरण पोषण नहीं हो पाता था। ऐसे में महिला खुरई कोर्ट पहुंची और एक अधिवक्ता ने उनका सहयोग कर निशुल्क केस लड़ा। बुजुर्ग महिला ने बताया कि न्यायाधीश सौम्या विजयवर्गीय की कोर्ट में भरण पोषण का केस लगाया और वह जीत गई और उसे अब 800 प्रतिमाह मिलेंगे।