समाज के वरिष्ठ और परिवारों के मुखिया जवाबदेह बनकर, नई पीढ़ी को दिशा दे
Stvn Information Desk समाज के वरिष्ठ और परिवारों के मुखिया पहले स्वयं जवाबदेह बने ,अपनी भारतीयता को समझे हमारे श्रीमद्भगवद्गीता जैसे सद्ग्रन्थ पढ़े -समझे उनके मूल उपयोगी ज्ञान को जीवन में उतारकर नई पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करें। भारतीयता को वचाने का इससे अच्छा कोई उपाय नही हो सकता। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी राष्ट्र का भविष्य है ,युवा जितना सुदृढ़ होगा उतना राष्ट्र भी सुदृढ़ होगा। युवा जितना अपना विकास करता है देश उतना आगे बढ़ता है। विशिष्ट अतिथि आशा तिवारी ने कहा की बच्चों को संस्कार देने में सबसे बड़ी भूमिका प्रत्येक घर की मां की होती है उसके बाद पिता की होती है ।जब माता-पिता अपने बच्चों को अपनी संस्कृति का पाठ नहीं पढ़ाते हैं तब वह दूसरी संस्कृतियों को स्वीकार करते हैं ।इसलिए सबसे पहले मां अपने बच्चों को अपने धर्म का अपनी संस्कृति का और अपने देश के गौरव का पाठ पढ़ाये तो निश्चित रूप से युवा पीढ़ी इसको स्वीकार करेगी ।उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को दिग्भ्रमित होने का महत्वपूर्ण कारण है परिवार में प्राथमिक स्तर पर शिक्षा -संस्कार नही दिया जाना। श्यामाचरण चौरसिया,आनंदमिश्र अकेला,पिंकी खटीक,डॉ नॉनिहल गौतम,डॉ भुवनेश्वर तिवारी आकाश दुबे,डॉ शशिकुमार सिंह,महेश दुबे, के के तिवारी अबरार अहमद विवेक उमेश दत्त अग्निहोत्री,किरण ,दुर्गा चंद्रभान लोधी,शैलेश तिवारी,विशाल पटेल,शिब्बू पटेल एड सुदर्शन तिवारी ने भाग लिया।