मालथौन में गौधाम झील सौंदर्यीकरण कार्य, संत रावतपुरा सरकार ने किया लोकार्पण
Stvn Bundelkhand Deskमालथौन - गौधाम सिद्ध स्थल है, अतीत में किसी महासंत ने इसे बनाया था। भूपेंद्र सिंह ने इस जगह को इतनी सुंदरता से भर दिया है। इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। यह उद्गार विख्यात संत रविशंकर रावतपुरा सरकार ने पुरातन देवस्थल गऊधा धाम के झील संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण कार्य के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए।संत रावतपुरा सरकार ने कहा कि गऊधा गौधाम जैसी तपोस्थली एक दिन में निर्मित नहीं हुई है। यहां सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा का समर्पण किया है। तभी ऐसे सिद्ध स्थानों को शक्ति प्राप्त होती है और सभी के मनोरथ पूर्ण होने लगते हैं, दर्शनों से ही शांति आने लगती है। संत ने कहा कि मुझे गौधाम आने पर बहुत अच्छा लगा, यहां प्रवेश करते ही शांति का अनुभव हुआ। रावतपुरा सरकार ने मंत्री भूपेंद्र सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं तीस साल पहले भूपेंद्र सिंह से सतना में मिला था और तब भी वह विकास की ही चर्चा कर रहे थे। विगत वर्षों में खुरई और मालथौन से जब भी मैं गुजरता तब यहां की चौड़ी सड़कें और विकास देखकर लगता था कि अच्छे जनप्रतिनिधि हैं। रावतपुरा सरकार ने कहा कि भूपेंद्र सिंह जैसा जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र के लिए मिलना, इसी गौधाम की कृपा है। जनप्रतिनिधि ऐसे ही होना चाहिए जो विकास और सेवा में इतने तल्लीन रहें कि उन्हें सुबह और शाम का पता भी न चले। खुरई क्षेत्र के सभी गांवों का विस्तार हो रहा है। उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा कि रावतपुरा सरकार से प्रार्थना है कि भूपेंद्र सिंह सदैव सरल और नम्र रहें, खूब परिश्रम करते रहें। मंत्री सिंह ने कहा कि इस दिव्य स्थान गौधाम में हनुमान जी और शिवजी के मंदिर हैं। चौबीसों घंटे अखंड रामायण होती है। दोनों मंदिरों को और सुंदर स्वरूप देने के लिए एक करोड़ रुपए की लागत से कार्य होगा। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब और बढ़ जाएगी। कथा, संस्कार, कन्या भोज जैसे आयोजन होते ही रहेंगे ।इसके लिए एक विशाल सत्संग भवन बनना आवश्यक है, जिसे एक करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। गौधाम में एक गौशाला का निर्माण शीघ्र ही प्रारंभ हो जाएगा। जब यह सब कार्य होंगे तब यह स्थान भी डोहेला किला जैसा भव्य स्थान बन जाएगा।