सागर-मंदिर जमीन के मंत्री पर गंभीर आरोप, भाई हीरा सिंह ने संभाला मोर्चा क्या बोले देखिए
सागर-मंदिर जमीन के मंत्री पर गंभीर आरोप, भाई हीरा सिंह ने संभाला मोर्चा क्या बोले देखिए
सागर-मंत्री पर जमीन हड़पने के आरोप ! हीरा राजपूत आए मीडिया के सामने
सागर के सुरखी विधानसभा के बरखेड़ा महंत के जानकी रमन मंदिर के व्यवस्थापक जगदीश दास ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके भाई हीरा सिंह पर जमीन हड़पने के प्रयास करने के गंभीर लगाए है, आरोपों को निराधार बताते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत और मंदिर कमेटी के सदस्यों के बयान सामने आए हैं, हीरा सिंह राजपूत ने कहा कि मंदिर के नाम 125 एकड़ जमीन होने के बाद भी पहले कभी यहां पर आरती नहीं होती थी पूजा-अर्चना नहीं होती थी, उस गांव और उस गांव से लगे आसपास के गांव के सैकड़ों लोगों की यह इच्छा थी कि मंदिर की देखरेख करने के लिए कमेटी बनाई जाए जिसके बादगांव के लोगों ने ही धर्म सभा बुलाई थी, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मैं भी पहुंचा था प्रशासन के द्वारा इसमें कमेटी बनाई गई वह कमेटी ही देखरेख में है षड्यंत्र बस यह आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं क्षेत्र में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के द्वारा कराए जा रहे विकास की वजह से विरोधी घबरा गए हैं इसलिए तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं उन्होंने बताया कि इसमें मेरा और मेरे परिवार का कोई लेना देना नहीं है, और व्यवस्थापक के द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं प्रशासन उनकी जांच करवाएं अगर कहीं किसी के नामांतरण किया गया है तो प्रशासन उसकी जांच करें जो भी दोषी हो उसको जेल भेजा जाए हम उसके साथ हैं । हम लोगों ने कब्जा करने का कोई प्रयास नहीं किया है हमारी ही इतनी जमीन है कि हम उसे कर नहीं पा रहे हैं मंदिर की जमीन क्यों लेंगे,
बता दें कि 1 दिन पहले मंदिर के व्यवस्थापक जगदीश दास ने पत्रकार वार्ता में कहा था कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उनके भाई हीरा सिंह राजपूत पर मंदिर की जमीन पर कब्जा करने के प्रयास और नामांतरण को प्रशासन से मिलकर विलोपित करने के गंभीर आरोप लगाए थे इसके साथ ही कहा था कि अगर 26 जनवरी 2023 तक नामांतरण महंत के नाम पर नहीं हुआ तो वह अपनी जान दे देंगे
जानकारी देते हुए बताया था कि सन 1800 से इस मंदिर का पूरा रिकॉर्ड है गुरु शिष्य परंपरा के हिसाब से मंदिर के महंत के प्रतिनिधियों के नाम पर ही नामांतरण होना चाहिए लेकिन नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाकर स्थानीय लोगों की समिति बना दी जो मंदिर पर काबिज होने का माध्यम बन रही है ।
वही इसमें मंदिर कमेटी के लोग भी मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि मंदिर की दुर्दशा को देखते हुए मंत्री से निवेदन किया था कि वे इसका कुछ इंतजाम कर दें जिसके बाद यह कमेटी बनाई गई थी आज वहां पर पूजा अर्चना हो रही है मंदिर में लोग दर्शन करने जाते हैं हर एक व्यवस्थाएं हैं पहले और आज में बहुत बदलाव हो गया है और जो महंत आरोप लगा रहे हैं उनको हम लोगों ने देखा ही नहीं है वह रीवा के रहने वाले हैं वे अपने आपको पुरानी महंत का चीला बता रहे हैं ।