सागर-धसान ने ढहाया मंदिर, नागों का बसेरा भी उजाड़ा, अनिष्ट से डरे लोग
धसान ने उजाड़ा नागों का बसेरा अनिष्ट होने से डरे लोग
सागर-धसान ने ढहाया मंदिर, नागों का बसेरा भी उजाड़ा, अनिष्ट से डरे लोग
मप्र में भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित होने वालों में केवल इंसान ही शामिल नहीं हैं। पानी के सैलाब ने देवी-देवताओं के मंदिर और सिद्ध स्थान को भी नहीं बख्शा। सागर जिले के बहरोल इलाके में गांव के बाहर प्रसिद्ध हनुमान मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। बाढ़ ने यह मंदिर तोड़ दिया। पास ही पीपल के करीब दो सौ साल पुराने वृक्ष पर नाग देवता के परिवार का बसेरा था, बाढ़ से यह पेड़ धराशाई हो गया। करीब दर्जनभर सांप पीपल के गिरने के बाद यहां वहां निकल गए। यह मंदिर और नाग देवता यहां लोगों की आस्था का केंद्र रहे हैं। अब लोग अशुभ की आशंका से डरे हुए हैं। बहरोल में धसान नदी भारी बारिश के चलते पूरे उफान पर चल रही है। यहां गांव में मुख्य मार्ग के पास नदी किनारे संकटमोचन श्री हनुमानजी का करीब 100 साल पुराना एक मंदिर था। इसे सिद्ध क्षेत्र के रुप में जाना जाता है। बाढ़ में मंदिर पूरी तरह पानी में डूब कर लगभग ध्वस्त हो गया। मंदिर के पास ही एक सदियों पुराना पीपल का पेड़ लगा था। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि इस पेड़ पर काले नागराज का एक परिवार रहता था। वे कई दशकों से यहां जब-तब सांपों को पीपल पर विचरण करते देखते आ रहे हैं। करीब दर्जनभर सांप इस पेड़ पर अपना बसेरा बनाए थे।