सागर- भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करने के पीछे है बड़ा कारण
सागर जिले के जैसीनगर में सावन के दूसरे सोमवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। दरअसल श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ के पूजन अर्चन का विशेष महत्व होता है। सोमवार को भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। जिससे भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। भगवान भोलेनाथ का पंचामृत यानी पांच द्रव्य जिसमें दूध,दही, घी, शहद और शक्कर जिन्हे पंचामृत कहा जाता है। इनसे अभिषेक किया जाता है। जैसीनगर के सबसे प्राचीन बड़े महादेव मंदिर के पुजारी पंडित नंदकिशोर शास्त्री महाराज ने 5 द्रव्यों से मिलकर बने पंचामृत से अभिषेक करने का महत्व बताया। जानकारी देते हुए बताया कि जिन कुंवारी कन्याओं की शादी नहीं रही उन्हें भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करने से वर की प्राप्ति होती है। साथ ही उन्होंने अलग-अलग द्रवों के अभिषेक करने का भी महत्व बताया है। जिसमें दूध से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। दही से अभिषेक करने से मन को शांति की मिलती है। भगवान भोलेनाथ का शहद से अभिषेक करने से धन की प्राप्ति होती है। घी से मोक्ष तो शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करने से बुद्धि की प्राप्ति होती है वहीं पंडित नंदकिशोर शास्त्री महाराज ने बताया कि इसी तरह महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से असाध्य से असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं