व्यक्ति यदि दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी काम में जुट जाए तो क्या नहीं किया जा सकता। ऐसे ही इच्छाशक्ति से आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा जनपद के ग्राम भीड़ी के शिक्षकों ने ऐसी पहल की जिससे एक सरकारी स्कूल की तस्वीर ही निखर गई । ग्राम भीड़ी के हायर सेकेंडरी स्कूल को प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर ऐसा सँवारा गया जो प्रेरणादायी और मिसाल बनकर हम सबके सामने है । स्कूल प्राचार्य और प्रबंधन ने मिलकर कोरोना काल में बच्चों के लिए दो स्मार्ट क्लास बनाई जिसकी संख्या भविष्य में पांच होने वाली है । इसके अलावा स्कूल परिसर में बोरवेल लगाकर पानी की समुचित व्यवस्था, साफ पीने के पानी के लिए दो आरओ प्यूरीफायर वाटर सिस्टम, कक्षों में बिजली की व्यवस्था हमेशा बनाये रखने इन्वर्टर सिस्टम, नए फर्नीचर के साथ ही हर क्लास में ट्यूबलाइट, सीलिंग और वाल फेन के इंतजाम किए गए । पूरे स्कूल परिसर को सीसीटीवी से लेस करते हुए साउंड सिस्टम भी लगाया गया है ताकि एक बार में ही सभी को कोई सूचना दी जा सके । जिन दो स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था की गई है उनमें एलईडी टीवी और प्रोजेक्टर के माध्यम से आधुनिक शिक्षा के प्रबंध किए गए हैं । ये सब व्यवस्थाएं स्कूल को मिलने वाले फंड से ही की गई हैं । स्कूल प्राचार्य आलोक चौरे ने बताया कि गत वर्ष उन्हें डीईओ कार्यालय की तरफ से प्राइवेट स्कूलों के विजिट की जिम्मेदारी मिली थी । तब से उनके मन में अपने स्कूल को नया रंग-रूप देने और आधुनिक शिक्षा के साधन जुटाने की इच्छा हुई