गुमनामी की जिंदगी जीने वाले सफाई मित्रों का सम्मान
रात में शहर की सफाई करने वाले सफाई मित्रों को स्वच्छता रक्षक सम्मान से नवाजा गया है। एमपी के बैतूल में आयोजित हुए कार्यक्रम में 53 सफाई मित्रों को सम्मानित किया गया है। साथ ही ठंड से बचने उन्हें सम्मान के साथ स्वेटर भी भेंट की गई। स्वच्छता रैंकिंग सुधारने के लिए देश में सभी राज्यों और उनके जिलों के बीच जोरदार प्रतिस्पर्धा बनी हुई है। कई छोटे बड़े शहर तो अब सफाई के मामले में एक नज़ीर बन चुके हैं। इन शहरों को स्वच्छता रैंकिंग में बनाए रखने के लिए जो जमीनी अमला काम कर रहा है वो हमेशा गुमनाम ही रह जाता है। लेकिन मध्यप्रदेश के बैतूल शहर की नगरपालिका ने एक अनूठी मिसाल पेश की है। यहां नपा की स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर ने शहर को साफ करने वाले आधा सैंकड़ा सफाई कर्मियों को ना केवल एक भव्य आयोजन कर सम्मानित किया। बल्कि भेदभाव मिटाते हुए उनके साथ सामूहिक भोज भी किया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत एमपी के आदिवासी बाहुल्य बैतूल नगर पालिका को इस साल स्वच्छता रैंकिंग में 59 वा स्थान मिला है जिसमें लगातार सुधार जारी है। और ये स्वच्छता मित्रों की बदौलत संभव हो पाया है। स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर नेहा गर्ग ने उन्हें सही सम्मान दिया।