सागर के स्वर्ण जयंती सभागार में कवि सम्मेलन में कवि ने हंसा-हंसा के किया लोटपोट || SAGAR TV NEWS ||
सागर के डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित हुए कवि सम्मेलन में सतना से आये मशहूर हास्य शायर अशोक सुंदरानी ने लोगों को हंसा हंसा कर लोटपोट होने मजबूर कर दिया। उन्होंने एक से बढ़कर एक हास्य से भरी चीजें सुनाई जहां हॉल में सिर्फ ठहाके और तालियों की गूँज सुनाई दे रही थी। वहीँ इटावा से आये युवा शायर राम भदावर ने जोशपूर्ण काव्यपाठ कर जमकर तालियां बटोरी। वहीँ देश दुनिया में शायरी ग़ज़लों से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले सागर के अशोक मिज़ाज बद्र ने कहा की ज़रा से फूल हैं मुझमें बहुत से कांटे हैं मगर मैं खुश हूँ मुझे सब गुलाब कहते हैं। इसके अलावा उन्होंने और भी गीत, ग़ज़ल सुनाये। वनारस से आयी कवियित्री विभा सिंह ने संगीतमयी प्रस्तुति से श्रोताओं को मुग्ध किया। सागर की युवा कवियित्री सोनाली सेन ने कविता के माध्यम से वंदना प्रस्तुत की थी वहीँ कवि संतोष सागर ने कवि सम्मेलन में चार चाँद लगाए। दरअसल विश्वविद्यालय के संस्थापक, महान दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर की 152 वी जयंती के उपलक्ष्य में गौर उत्सव’ के पांचवें दिन गौर जयन्ती की पूर्व संध्या पर विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन हुआ था। जिसकी मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति नीलिमा गुप्ता थी।