MP की बेटी का कमाल 18 हजार फीट ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा, || SAGAR TV NEWS ||
पन्ना की पर्वतारोही बेटी गौरी अरजरिया की उपलब्धियों के नगीने में एक ओर नगीना जुड़ गया है... उन्होंने नेपाल सीमा के पास सिक्किम के विधानचंद्र राय पर्वत की करीब 18 हजार फीट ऊची चोटी पर सफलता पूर्वक चढ़कर तिरंगा बंदन किया है...। माइनस 15 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गौरी ने यहाँ फिर तिरंगा फहराकर न ही सिर्फ पन्ना का बल्कि मध्यप्रदेश को भी गौरवान्वित किया है। पन्ना जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर सिमरिया के एक किसान के घर मे जन्मी गौरी अब पन्ना के लिए कोहिनूर बन गयी है।...उन्होंने अपने हिम्मत और साहस के दम पर नेपाल बॉर्डर स्थित करीब 18000 फीट ऊंचाई विधानचंद्र राय पीक को सम्मिट किया। ओर सिक्किम में वर्फ़ीले पहाड़ों पर चढ़ने में सफलता हासिल की। अब गौरी का सपना एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ कर तिरंगा लहराने का है ...। वह विश्व की सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोही बनना चाहती है। गौरी ने इससे पहले उत्तराखण्ड की 12 हजार फीट ऊॅची चोटी पर माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर परिवार और जिले का नाम रोशन किया था ।गौरी अब बुंदेलखंड की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गयी है।गौरी को पन्ना से दार्जलिंग रवाना होने से पहले पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने पर्वतारोही इस बेटी को चेक और टेबलेट भेंटकर सम्मान किया था।साथ उन्हें पन्ना जिले की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था। गौरी की इस प्लब्धि पर उसका जगह जगह सम्मान हो रहा है। गौरी के साथ भारत केकई राज्यों से करीब सैंतालीस लोग समूह में शामिल हुए, जिसमें 5 लड़की व 42 लड़के शामिल थे।लेकिन मध्यप्रदेश से सिर्फ एक गौरी अरजरिया शामिल हुई।यहां17 दिन के हिसाब से समूह के साथ प्रतिभागियों द्वारा अपना स्वयं का पूरा सामान लेकर करीब 20 किलो वजन के साथ चढ़ाई चालू की। ओर करीब 6 दिन चढ़ाई करने के बाद एबीसी बेस कैंप पहुंचकर 9 दिन रुक कर ग्लेशियर राठौग में फिर से ट्रेनिंग ली।करीब 9 दिन रुकने के बाद नेपाल बॉर्डर सिक्किम राज्य करीब 18000 फीट ऊंचाई विधान चंद्रराय पर्वत पर चढ़ाई की गई।यहां पहुंचने पर -15 के तापमान में समूह के सभी साथियों द्वारा तिरंगा फहरा कर तिरंगा बंदन किया गया।जहाँ से वापस लौटने पर 15 नवम्बर को हिमालयन इंस्टीट्यूट दार्जलिंग में एयरफोर्स ग्रुप के कमांडर जयकिशन दत्ता व अन्य के द्वारा पर्वतारोही का बैच लगाकर गौरी अरजरिया को सम्मानित किया गया।पर्वतारोही गौरी अरजरिया का सपना विश्व की सबसे ऊँची चोटी पर फतेह हासिल करना है, और इसी उद्देश्य को लेकर वह आगे बढ़ रही हैं । बाईट। ... गौरी बताती है कि उसके परिवार में दादी मम्मी पापा ओर दो छोटे भाईओं के साथ वह सबसे बड़ी है।उनके पिता एक छोटे काश्तकार है जो खेती किसानी करते हैं। गौरी खुद एक ब्यूटीशियन है जो अपने गावँ सिमरिया में चार-पांच साल से ब्यूटी पार्लर चलाती है ओर उससे जो पैसे कमाती है उससे वह पर्वतारोही के लिए आवश्यक प्रशिक्षण में खर्च कर देती है।लेकिन यह अर्जित राशि बहुत कम होती है...लेकिन गौरी के संकल्प ओर हौसलों को देखकर मदद के लिए कई हाथ उठ जाते है।साथ ही अब शाशन -प्रसासन भी मदद कर रहा है।