आंवला नवमी पर महिलाओं ने वृक्ष की परिक्रमा व पूजन कर बांधा रक्षा सूत्र। || SAGAR TV NEWS ||
कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी व्रत किया जाता है। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा कर उसके नीचे खाना बनाने और वहीं पर खाने की परंपरा है। बताया जाता है कि आंवले के पेड़ में त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु, महेश सहित सभी देवताओं का वास होता है। मान्यता है कि आंवला नवमी पर व्रत व पूजा करने से संतान सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। आंवला नवमी पर सागर जिले के खुरई में आंवला वृक्षों के नीचे श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही शहर के डोहला मंदिर, क्षीरसागर मंदिर परिसर, एमपीवी कार्यालय, पातालिया हनुमान मंदिर बगीचा, रेंजर ऑफिस सहित अन्य आंवला वृक्षों वाले बगीचों में श्रद्धालुओं का ताता सुबह से ही लगा रहा। पातालिया हनुमान मंदिर परिसर में मेला आयोजित किया गया।इस मंदिर परिसर में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री की धर्मपत्नी सरोज सिंह ने पूजा अर्चना कर महिलाओं को सुहाग की सामग्री बांटी।महिलाओं ने एक दूसरे को सुहाग का टीका लगाकर सदा सुहागन रहने की कामना की और सुहाग सामग्री भी वितरित की। इस अवसर पर भारी संख्या में महिलाएं पहुंची।