सागर-प्रकृतिप्रेमी ने 22 साल की मेहनत से 1 हजार एकड़ की वीरान पहाड़ी को बना दिया जंगल
एमपी के सागर जिले में करीब 40 ग्रामीणों ने 22 साल में एक हजार एकड़ की वीरान पहाड़ी जंगल बना कर उसे हरियाली चादर उड़ा दी। दरअसल देवरी ब्लॉक के मानेगांव और डुंगरिया गांव की 1030 एकड़ क्षेत्र में फैली वीरान पहाड़ी पर 22 साल पहले घास भी मुश्किल से उगती थी। गांव की पहाड़ी पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत करीब दो लाख पौधे रोपे गए थे जो कि बजट और देखरेख के अभाव में 3 से 4 साल बाद नष्ट हो गए। तो समिति के सचिव और प्रकृति प्रेमी रजनीश मिश्रा के संकल्प लेकर वीरान पहाड़ी को हरा भरा करके तस्वीर बदल दी इस काम में रजनीश मिश्रा को दोनों गांव के ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग मिला और ग्रामीणों की लगन और मेहनत के साथ पहाड़ी आज हरी-भरी हो गई। 22 साल की कड़ी मेहनत एवं संघर्ष के बाद करीब 1030 एकड़ का जंगल लोगों के लिए प्रेरणादायी है और देश प्रदेश के लिए अनुकरणीय उदाहरण है। आज इस जंगल में 70 प्रतिशत सागौन के हरा भरे वृक्ष है। इसके अलावा महुआ धवा अचार करिया सेज सहित अन्य प्रजाति के औषधीय पेड़-पौधे लहलहा रहे हैं इस जंगल की खूबसूरती और प्राकृतिक वातावरण लोगों का मन मोह लेती है।
बता दे की इंडिया कनाडा सरकार ने संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत पर्यावरण बचाने एवं ग्रामीणों को रोजगार देने के उद्देश्य से इस वीरान पहाड़ी पर पौधे रोपने का निर्णय 22 साल पहले लिया गया इफको के माध्यम से अक्टूबर 1998 तक यहां 2 लाख पौधे रोपे गए प्राथमिक क्षेत्र वानिकी समिति देवरी को इसके देखभाल का जिम्मा दिया गया, समिति के सचिव प्रकृति प्रेमी रजनीश मिश्रा इसकी रखवाली करने लगे इससे नए पौधों के साथ-साथ, पुराने ठूठों जंगली पौधों की सुरक्षा भी होने लगी.पानी की कमी के कारण नए रोपे गए पौधे तो नष्ट हो गए लेकिन पुराने स्वा उत्पादित पेड़ों की जड़े प्राकृतिक रूप से विकसित होने लगी. अब उनकी जड़े अब वृक्ष का रूप ले चुकी हैं।