भू जल स्तर गिरने से पानी के लिए मचा कोहराम, बुंदेलखंड में हालत बद से बत्तर
बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में कम बारिश के बाद भू-जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है। हालात यह हैं। की 70 प्रतिशत तक जल स्त्रोत सूख गए हैं। टीकमगढ़ जिले के टीकमगढ,जतारा, खरगापुर विकासखण्डों में पेय जल संकट बढ़ गया है। ग्रामीण क्षेत्र में भू-जलस्तर नीचे गिरने से 80 % कुंआ सूख गये हैं। तो वहीँ हेन्डपम्प में पानी की जगह हवा निकल रही है। लोगों को पीने के पानी के लिऐ गाँव से एक से दो कि.मी. दूर पर खेतों में लगे बोर और कुँओं से पानी लाने को मजबूर है। कुआँ में पानी कम होने के कारण लोग रात और दिन पानी भरने में जुटे रहते हैं। जिला प्रशासन और गाँव के सरपंचो ने पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की, न ही पशुओं के पीने के लिऐ बनायी गयी होदी में पानी भरा जा रहा है। जिससे पशु भी भटक रहे हैं।
जिले के जतारा विकासखण्ड के ग्राम,जगतनगर,गोर,मोगना,पड़वार,मालपीथा,मस्तापुर गांव की हालत बहुत खराब है। इन गाँवों में 90% हेन्डपम्प ने पानी देना बन्द कर दिया है। जो गाँव में एकाद हेन्डपम्प बचे हैं। तो उन पर दिन रात पानी भरने वालों की लाईन लगी हुई है। यह क्षेत्र मध्यप्रदेश सरकार के वाणिज्यकर मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह राठौर की विधानसभा क्षेत्र में आता है। जिसका यह हाल है। ग्रामीणों के मुताबिक उनकी कहीं कोई सुनता नहीं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री जितेन्द्र मिश्रा ने बताया की टीकमगढ़ जिले में 9 हजार 820 हैंडपंप ग्रामीण क्षेत्र में लगे हैं। जिनमें से 9 हजार 35 हेन्डपम्प चालू हैं। विभाग का कहना है। की 785 हेन्डपम्प बंन्द है। और वर्तमान में भू-जलस्तर औसत 19.49 मी. है। लेकिन गाँव में हकीकत में 90% हेन्डपम्प में जल स्तर नीचे गिरने से पानी की जगह हवा दे रहे है।
क्षेत्र में बने चन्देल कालीन तालाब पूर्णतः सूख गये है। जिससे मिट्टी में बड़ी बड़ी दरारें फट गयी हैं। और पशु पानी के लिऐ भटक रहे हैं। टीकमगढ़ जिले में कुल 700 गाँव हैं। जिसमें आबाद गाँव 629 हैं। जिले में सिंचित रकवा 2 लाख 36 हजार 647 हेक्टेयर है।
जिले में तालाबों की संख्या 830 है। और कुँओं की संख्या 64 हजार 594 है। लेकिन पानी का जलस्तर नीचे गिरने से लगभग 80% जलस्त्रोत सूखने की कगार पर हैं। वहीँ पिछले 15 सालों में होने वाली बारिश के जिले के आंकड़े देखें तो 5 साल में एक साल सामान बारिश होती है। बाकी 4 साल सूखा रहता है ।
जतारा विकासखंड के जगतनगर ग्राम में भी हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां ग्रामीण सरपंच की मर्जी से भी परेशान हैं। जगत नगर से चार किमी दूरी पर है।
सांसद आदर्श ग्राम( गोर) जिसे टीकमगढ के सांसद और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार गोद लिए थे। यहां दो तालाब हैं। जो पूरी तरह सूख गये है कुआँ में पानी नही है। यह सभी गाँव मध्यप्रदेश सरकार के वाणिज्यकर मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह राठौर की विधानसभा क्षेत्र में आता है। लेकिन लोगों को सिर्फ कोरा आश्वासन मिल रहा है। टीकमगढ जिले की प्रभारी कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया की पानी की कमी को देखते हुऐ पीएचई और ग्रामीण विकास के फील्ड लेविल कर्मचारियों की बैठक कर रहे हैं। जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जिन गाँव में पानी की कमी है। उनकी समस्या का निराकरण किया जायेगा।