चरखे की चाहत खीच लाई थी बापू को सागर के इस गाँव में || SAGAR TV NEWS ||
सागर जिले के रहली के पास हैं एक अनंतपुरा गाँव जहां 88 साल पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आगमन हुआ था।अनंतपुरा में वापू ने रात्रि विश्राम किया था उसी समय से अनंतपुरा ग्राम की पहचान गांधी ग्राम के रूप में होती जा रही है।महात्मा गांधी की चरखे की चाहत उन्हें अनंतपुरा ग्राम तक खींच लाई थी। अनंतपुरा गांव के युवक जेठालाल भाई के स्वदेशी वस्त्र प्रेम से प्रभावित होकर गांधी जी 88 साल पहले 1 दिसम्बर 1933 को रहली के छोटे से ग्राम अनंतपुरा पहुंचे थे।तत्कालीन दो सौ घरो के छोटे से ग्राम अनंतपुरा में अंग्रेजी शासन काल में जेठालाल नाम के युवक द्वारा खादी आश्रम का संचालन कर गांव के लोगो को रोजगार मुहैया करानेे के साथ स्वेदेशी वस्त्रो और स्वेदेशी विचार धारा का प्रचार किया जा रहा था। जेठालाल पत्र व्यवहार के माध्यम से गांधीजी से मार्ग दर्शन प्राप्त करते थे । हालांकि आज जेठालाल के परिजन अनंतपुरा में निवास नही करते आजादी के बाद पूरा परिवार नागपुर चला गया था। खादी आश्रम के अवशेष भी अब यहां नही बचे है ।गाँधी जी ने इस गांव के मध्य बने चबूतरे से सभा कों संबोधित कर छुआछूत मिटाने की अपील की और चरखे के महत्व को समझाते हुए कहा था कि चरख देश के करोडो भाईयों का धी दूध और रोटी है । गाँव के बुजुर्ग बलीराम कुर्मी बताते हैं