बुंदेलखंड का सबसे पुराना नगर ऐरण सागर में, जानिए क्या है महत्व || SAGAR TV NEWS ||
बुंदेलखंड में कई ऐसे ऐतिहासिक स्थान हैं, जो इतिहास की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण स्थान हैं..इन्हीं में से सागर जिले के बीना के पास स्थित ऐरण कई ऐतिहासिक गौरवशाली इतिहास को बयां करता है, ऐरण में गुप्तकालीन अभिलेख मिलते है..ऐरण के अभिलेख 510 ईसवी के माने जाते है, ऐरण में विशाल वराह, विष्णु और नरसिंह मंदिर स्थित है..ऐरण में वराह की इतनी बड़ी प्रतिमा जो भारत में कहीं नहीं है..इसमें मुख, पेट, पैर और समस्त अंगों में देव प्रतिमाएँ बनी हुई है. ऐरण में ऐरण स्तंभ भी आकर्षित करता है.. ऐरण स्तंभ के नाम से प्रसिद्ध यहां का सबसे उल्लेखनीय स्मारक है..ऐरण स्तंभ 47 फुट ऊंचा है.जो एक ही शिला से बना है.. ऐरण में मिले.. शिलालेखों से यह पता चलता है कि गुप्त काल में भी सती प्रथा थी में, .ऐरण में पुरातात्विक महत्व के बारे में और अधिक जानने के लिए ऐरण में डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई कराई गई और अभी ऐरण में खुदाई कराई जा रही है, यूटीडी पुरातत्व संस्कृति विभाग के अध्यक्ष डॉ नागेश दुबे ने बताया कि एरण पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है,इससे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सकता है, लेकिन जो इतना महत्वपूर्ण स्थल है ,उसकी शासन के द्वारा यहां उपेक्षा बरती गई है ,क्योंकि यहां का पहुंच मार्ग बहुत अच्छा नहीं है, रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है ,इस स्थल को संरक्षित किया जाना आवश्यक है एरण में संग्रहलाय की भी स्थापना होना चाहिए ,क्योंकि काफी मूर्तियां यहां पर विखरी पड़ी है ,जिससे कि बाहर के लोग एरण को देखने के लिए पहुं