वाह! पन्ना हीरो के लिए ही नहीं अब इन बच्चों के लिए भी जाना जाएगा!
बुंदेलखंड के पन्ना का एक ऐसा गांव हैं जहां के बच्चों ने प्रदेश ही नहीं बल्कि बोर्ड स्केटिंग में देश का नाम रोशन किया है। लेकिन इस गाँव लोगों को विकास के नाम पर सिर्फ सपने ही दिखाए गए कभी उन पर अमल नहीं हुआ। ये गांव है जनवार, जिला मुख्यालय से महज दस किलोमीटर दूर इस गांव में बोर्ड स्केटिंग में बच्चे तो विकास गढ़ रहे हैं। देश का नाम रोशन कर रहे हैं। लेकिन खोखले सिस्टम की वजह से गांव का विकास अभी कोसों दूर बना हुआ है। लोग हर रोज जंगल से लकड़ी लाकर शहर में बेच कर अपना जीवन यापन करने मजबूर हैं। इस गांव का मुख्य हैंडपंप लंबे समय से खराब पड़ा है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना में कई कुटीरें हैं जो अधूरी पड़ी हुई हैं। लोगों का कहना है कि कुटीरों को सरपंच सचिव मिलकर ठेके से बनवा रहे हैं। और जो लोग उन्हें नही देते उनकी क़िस्त लटक जाती है। जब जनवार गांव जाकर देखा तो यहाँ आधी अधूरी सड़कें बनी है। प्रधानमंत्री आवास अधूरे पड़े है। खेल मैदान खस्ताहाल में है तो पिछले पांच साल से उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका है।
जनवार की आबादी करीब दो हजार है। इस छोटे से गांव के बच्चे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर स्केटिंग करते हैं। 2018 में स्केट बोर्डिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप चीन के नानजिंग में आयोजित हुई थी। जिसमें गावँ के दो बच्चों आशा और अरुण ने भारत को रिप्रेजेंट किया। उसके बाद 2019 में नेशनल रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप विशाखापट्टनम और 2020 में चंडीगढ़ में आयोजित नेशनल स्केटिंग चैंपियनशिप में भी कई बच्चों ने हिस्सा लिया और अवार्ड जीते। 30 से ज्यादा बच्चों ने अलग-अलग जगह भाग लेकर अवार्ड जीते। यहां क्षेत्रीय सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और शिवराज सरकार में मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह भी पहुंचे थे। विकास का वादा किया। लेकिन वो सिर्फ वादा ही रहा। सुनिए ग्रामीणों का क्या कहना है।