सागर- आवास की आस में घर तोडा, दो साल से किश्त का इंतजार
कई बार मामले सामने आते है जब किसी गरीब का हक़ दूसरे को दे दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला सागर जिले के बंडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत ढांड का आया हैं जहाँ आवास की क़िस्त किसी अन्य व्यक्ति के खाते में डाली गई। और कार्रवाही के नाम पर सीईओ ने रोजगार सहायक को ग्राम पंचायत से हटाकर इति श्री कर ली। वहीं विधवा महिला बेघर होकर रिश्तेदारों के यहां रह रही है। ग्राम पंचायत ढांड के ग्राम मडैया के हितग्राही स्व. रतन सिंह का आवास वर्ष 2019-20 में स्वीकृत हुआ था। जिसके बाद सरपंच सचिव के कहने पर महिला ने अपने कच्चे घर को इस आस में तोड़ दिया कि उसे रहने के लिए पक्का घर मिलेगा। लेकिन महिला की आंखे किस्तों की आस में थक गई और उसकी किस्तें सचिव और रोजगार सहायक ने सांठगांठ करके किसी अन्य व्यक्ति के खाते में डलवाई। और महिला ईशरी रानी 2 वर्ष से दर दर भटक रही है। ईशरी रानी ने बताया कि दो साल पहले उसके पति का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में आ गया था सरपंच सचिव द्वारा कहने पर उसने अपना कच्चा मकान तोड़ दिया। यहां तक कि उससे पैसे भी लिए गए। लेकिन सचिव रोजगार सहायक की लाफ़रवाही से उसकी क़िस्त पथरिया गौड़ के रतन सिंह का खाता दर्ज कर दिया गया जिससे आवास की सभी किस्तें दूसरे खाते में जाती रहीं। और जब महिला किस्तो के संबंध में सचिव से कहती तो सचिव भी जल्द ही क़िस्त आने का झूठा आश्वासन देता रहा। महिला ईशरी रानी के दो बच्चे हैं जब अपने कच्चे घर से भी हाथ धो बैठी है। जब विधवा महिला ने 11अगस्त को सीईओ बंडा के यहाँ आवेदन देकर शिकायत तब सीईओ ने कार्रवाही करते हुए रोजगार सहायक को ग्राम पंचायत से तो हटा दिया लेकिन शिकायत के एक महीना बीतने को है लेकिन अभी तक महिला को किसी भी तरह की राहत नहीं मिली है।