अफ़ग़ानिस्तान की ओर से आई इस तस्वीर पर भड़क गए पाकिस्तानी, ट्वीटर पर लोगो ने दी प्रतिक्रियाएं
अफ़ग़ानिस्तान के पहले उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने 1971 के युद्ध में भारत के सामने पाकिस्तान के आत्म-समर्पण की यह तस्वीर शेयर कर माहौल गर्म कर दिया है, पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच तालिबान को लेकर ज़ुबानी जंग चल रही है, अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान पर तालिबान का समर्थन करने और उन्हें प्रशिक्षण और हथियार मुहैया कराने के आरोप लगाता रहा है, इसी बीच, अमरुल्लाह सालेह ने बुधवार को ट्विटर पर यह तस्वीर शेयर की और लिखा, हमारे इतिहास में ऐसी कोई तस्वीर नहीं है और ना ही कभी होगी. हाँ, कल मैं एक बार को हिल गया था क्योंकि एक रॉकेट मेरे ऊपर से उड़कर गया और कुछ मीटर की दूरी पर गिरा, लेकिन पाकिस्तान के प्रिय ट्विटर हमलावरों, तालिबान और आतंकवाद इस तस्वीर के आघात को ठीक नहीं कर सकते. कोई और तरीक़े खोजिए उनके द्वारा शेयर की गई इस तस्वीर को खबर लिखे जाने तक 23 ज़्यादा लोगों ने पसंद किया और सैकड़ों लोगों ने उनके ट्वीट पर अपने जवाब लिखे हैं
पाकिस्तान की टीवी होस्ट और अदाकारा सेहर शिनवारी ने लिखा, हमने भी इतिहास में ऐसी वीडियो क्लिप नहीं देखी, जिसमें धमाके की आवाज़ सुनकर एक बहादुर उप-राष्ट्रपति की पतलून गीली हो जाती है और वो शर्म के मारे नमाज़ जारी रखता है.
एक ट्विटर यूज़र ने लिखा कि ये कुछ सेकेंड का वीडियो क्लिप काफ़ी है, यह समझने के लिए कि आईएसआईएस और तालिबानियों ने तुम लोगों का नर्वस सिस्टम कितना कमज़ोर कर दिया है.
सालेह ने ट्विटर पर जो तस्वीर शेयर की है, वो वर्ष 1971 की एक ऐतिहासिक तस्वीर है जिसे पाकिस्तानी सेना के भारतीय फ़ौज के सामने सरेंडर करते समय खींचा गया था. 1971 की जंग में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह हराया था.
बता दे कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पूर्वी-पाकिस्तान में पाकिस्तानी जनरल अमीर अब्दुल्ला ख़ाँ नियाज़ी को क़रीब 90 हज़ार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण करना पड़ा था. इस आत्मसमर्पण के बाद पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा पाकिस्तान से आज़ाद हो गया था और आज उसे ही बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है, उस समय भारतीय सेना के कमांडर लेफ़्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा थे जो इस तस्वीर में समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे जनरल नियाज़ी के साथ मेज़ पर बैठे दिखते हैं .