नारी तेरे कितने रूप आपको नज़र आने वाली ये तस्वीरें एमपी के छतरपुर से सामने आयी हैं। जिन्हे देखकर किसी का भी दिल पसीज जायेगा। लेकिन सरकारी नुमाइंदों को ये दिखाई क्यों नहीं देता। पति को पत्नी गोद में उठाकर फ़रियाद करने पहुंची। दरअसल लवकुशनगर क्षेत्र के परसनिया गांव का रहने वाला अंशुल गौड जो पैरों से दिव्यांग है वह अपनी मां की अनुकंपा नियुक्ति पाने दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है वो छतरपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह से अनुकंपा नियुक्ति पाने आवेदन लेकर गुहार लगाने पहुंचा। दिव्यांग अंशुल गौड चल नहीं सकता इसलिए उसकी पत्नी अपनी गोद में उठाकर कलेक्टर से मुलाकात करवाने ले गई। जहां कलेक्टर ने उसकी फरियाद सुनते हुए आवेदन तो ले लिया लेकिन पीड़ित के मुताबिक निराकरण अभी तक नहीं हुआ। जबकि वो कई दफा गुहार लगा चुका है। सुनिए उसका क्या कहना है।
उधर अंशुल की समस्या को लेकर जब जिला शिक्षा अधिकारी संतोष तिवारी से बात की गई तो उनका कहना था कि 2015 में निराकरण किया जा चुका है अनुकंपा नियुक्ति के विषय में उनके पास पात्रता रखने वाले सभी दस्तावेज नहीं थे। शासन के निर्देशानुसार उनको संविदा नियुक्ति के अनुसार एक लाख रुपये की राशि उनकी सहमति से उनके बैंक खाते में डाली गई थी। अब 6 साल बाद वह फिर से अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं जिसके लिए वह पात्र नहीं है।
सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.