मध्यप्रदेश में स्कूलों की मनमानी कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब इसका विरोध करने पर जिम्मेदार अभिभावकों की समस्या सुलझाने के बजाए उन्हें मरने की सलाह देने लगे हैं। मप्र में पिछले कई सालों से फीस नियामक कानून भले ही ठीक ढंग से लागू नहीं हो पाया है, फिर भी सरकार को अभिभावकों की बजाय स्कूलों की चिंता है। मंगलवार को जब स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से अभिभावकों ने स्कूलों की मनमानी की शिकायत की तो उन्होंने अभिभावकों से कहा कि मरना है तो मर जाइए। पालक संघ के सदस्य उनसे शिकायत कर रहे थे कि स्कूल बंद होने के बाद भी एक अप्रैल से ऑनलाइन क्लास की फीस वसूल रहे हैं। फीस कम की जाए, नहीं तो आंदोलन करेंगे। इस पर उखड़े मंत्री ने यह बातें कहकर कार में बैठकर चले गए।
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