देश में वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता के लिए तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं इसके बावजूद भी मध्य प्रदेश के बैतूल जिला में आदिवासी बाहुल्य 47 गांव ऐसे है जहां एक ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई थी। यहां आदिवासी वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों से लड़ने झगड़ने को तैयार हो जाते है । महिलाएं तो गाली गलौज पर उतारू हो जाती है । इन आदिवासियों में भ्रम फैल गया है कि वैक्सीन लगाने से मौत हो जाती है ।अब इन गांव में वैक्सीनेशन के लिए आदिवासी समुदाय के जो धर्मगुरु है जिन्हें भगत भूमका कहते हैं और आदिवासी इन पर भरोसा करते हैं और जब भी उनके बीच मे कोई बीमार होता है तो आदिवासी समुदाय के लोग अपने क्षेत्र के भगत भूमिका के पास जाते हैं और झाड़-फूंक करवाते हैं । प्रशासन ने इन भगत भूमका का अब सहारा लिया है उनसे बात की है कि जो भी लोग उनके पास आ रहे हैं उन्हें वैक्सीनेशन की सलाह दी जाए ।प्रशासन के प्रयास पर अमल भी शुरू हुआ है और आदिवासी इलाके के जो गांव है वहां के भगत भूमिका उनके पास आने वाले लोगों को झाड़-फूंक के साथ साथ टीका लगवाने और मास्क लगाने की भी सलाह दे रहे हैं इन भगत भूमिका का कहना है कि उन्होंने भी वैक्सीन लगवा ली है और अब ग्रामीणों को भी सलाह दे रहे हैं ।
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