देश को आजाद हुए 72 साल गुजर चुके है । आज हम डिजिटल युग मे जीने का दावा भी कर रहे है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत मध्य प्रदेश के बैतूल के एक गांव में देखने को मिला आजतक बिजली नही पहुची और महिलाये हाथ चक्की से आटा पीस रही है ।
बैतूल के भीमपुर विकास खंड का पालनगा ऐसा गांव है जो आज भी सुविधाओ से कोसों दूर है । गांव में 5 साल पहले बिजली के पोल लगाए गए थे जो आज भी जैसे के तैसे खड़े हुए है । कई कलेक्टर और जनप्रतिनिधि आये और चले गए लेकिन ग्राम वासियों की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है । हालात ये है कि गांव में आज भी महिलाएं पुराने जमाने की घट्टी पर खाने के लिए आटा पीसने को मजबूर है ।हद तो तब है जब गांव के लोगो को पीने का पानी लेने भी कई किलो मीटर का सफर तय करना पड़ रहा है । गांव की ये तस्वीर अपनी बदहाली खुद बयान कर रही है सब कुछ सह कर भी गांव की चौपाल पर बैठे लोग सिर्फ इसीलिए खुश है कि तमाम शिकवे शिकायत होने के बावजूद भी जब समस्याओं का समाधान नही हुआ तो सब कुछ नियति पर छोड़ दिया गया । जंगल से सटा गांव शाम होते ही अंधेरे में डूब जाता है चिमनी की रोशनी में रहने को मजबूर ग्रामीण इसी मद्धिम रोशनी में अपना कामकाज निपटाते है लेकिन न कोई अधिकारी इस पर ध्यान देता है न कोई जनप्रतिनिधि अब तक जाग पाया है । गांव के बुजुर्गों का कहना है कि इस बारे में कई बार सांसद विधायक अधिकारियों से मिन्नते की गई लेकिन ग्रामीणों की सुविधा केवल आश्वासन पर ही टिकी हुई है ।
इस गंभीर मामले को लेकर बिजली विभाग के अधिकारी अब कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे है ।बैतूल जिला पंचायत सीईओ एमएल त्यागी का कहना है
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