लॉकडाउन में आत्मनिर्भर बनी महिला,छत पर उगाई फल,सब्जी || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS ||
एमपी के बैतूल में छत पर की गई बागवानी आकर्षण का केंद्र बनी है । कुछ लोगों को प्रकृति से इतना लगाव होता है कि वह शहरों में रहते हुए भी प्रकृति के पास रहते हैं । जमींन से ऊपर छत पर की गई बागवानी जिसमे लीची उग रही है तो सीताफल, आम, पपीता जैसे फल और दालचीनी, तेजपत्ता, लौंग जैसे मसाले भी लगे हुए हैं. इतना ही नहीं जैविक खादों से उपजने वाली सब्जियां भी यहां लहलहा रही है । शहर में तीस फुट ऊपर छत पर बना हुआ है जो लोगों को खूब आकर्षित करता है। दरअसल, लॉकडाउन में दिनचर्या की चीजों के अभाव ने लोगों की जीवनशैली बदलकर रख दी है. जब लॉकडाउन हुआ तो सब्जियों से लेकर फलों तक कि कमियां खलने लगी और यही जरूरत नए प्रयोगों की वजह बन गया।बैतूल के उदय परिसर इलाके में रहने वाले डॉक्टर प्रमोद मालवीय और उनकी पत्नी अंजली ने जब घर बनाया तो जगह की कमी ने उनके बागीचे के हसरत को मायूसी में बदल दिया ,लेकिन अंजली ने मायूसी को दरकिनार कर इसकी नई सूरत निकाल ली ।
उन्होंने अपने दूसरे और तीसरे फ्लोर वाले मकान की छत को ही बगीचे में तब्दील कर दिया । अंजली ने पहले छत की वाटर प्रूफिंग करवाई और उस पर मिट्टी भरकर पेड़ लगाना शुरु कर दिया । इस छत पर उन्होंने गन्ने से लेकर शकरकंद तक कि बुवाई कर दी तो वही छोटे छोटे टांके बनाकर उनमें कमल खिला दिए । इन टैंकों में मच्छर खाने वाली छोटी गंबूसिया मछलियां भी पाल ली । रोज दो से तीन घंटे इस बाग की साजो संभाल करने वाली अंजली मालवीय यही नहीं रुकी उन्होंने तीसरे माले की छत पर सौ से ज्यादा फल ,मसालों ,सब्जियों ,भाजी की क्यारियां तैयार कर डाली. इन के बीच इतनी ही वैरायटी के फल और फूल भी उपजा डाले. अब न उन्हें गिलकी, टमाटर, मिर्च, लौकी, बैगन लाने बाजार का रुख नहीं करना पड़ता है, जबकि न इलाइची, लौंग, पान, स्ट्रॉबेरी, सीताफल , चीकू और अंजीर जैसे सूखे मेवे खरीदने दुकानों के चक्कर लगाने पड़ते है. क्योंकि सबकुछ छत पर बने उनके बगीजे में लगा हुआ है ।
खास बात यह है कि इस बगीजे में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए जलीय पौधे भी कुंड बनाकर उगाए जा रहे हैं । घर की छत पर गार्डन पनपने से घर के अंदर का तापमान पांच से छह डिग्री तक कम हो गया है । वहीं पक्षियों की आवाजाही भी इस बगिया की वजह से शुरू हो गई है । जिससे घर का माहौल भी खुशनुमा बना रहता है । वहीं यह बगिया पूरे शहर में आर्कषण का केंद्र भी बनी हुई है ।