दमोह लोकसभा पर होगा रोचक मुकाबला,पर गर्म नहीं हुआ चुनावी माहौल
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में से एक दमोह लोकसभा में इस बार रोचक मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। पिछले तीन दशकों से दमोह लोकसभा सीट पर भाजपा काबिज है। भाजपा ने लोधी बाहुल्य वाली इस सीट पर एक बार फिर वर्तमान सांसद प्रहलाद पटेल लोधी को टिकिट दिया है। तो कांग्रेस ने भी जबेरा सीट से पूर्व विधायक प्रताप लोधी पर दांव लगाया है। भाजपा का एक तरह से गढ़ बनती जा रही दमोह लोकसभा सीट पर इस बार फिर भाजपा अपनी जीत बरक़रार रखना चाहती है। लेकिन इस दफा भाजपा की राह इतनी आसान नहीं है।
दरअसल दमोह लोकसभा सीट पर इस बार का मुकबला पिछले मुकाबलों से हटकर है। भाजपा के सामने जो चुनौतियां है उनमे सबसे बड़ी चुनौती है
प्रहलाद पटेल के खिलाफ एंटीइन्कमबेंसी
प्रहलाद पटेल का बाहरी प्रत्याशी होना भाजपा के लिए मुश्किले बड़ा सकता है। क्योकि इस बार स्थानीय वेर्सिस बाहरी का मुद्दा भी दमोह लोकसभा में हावी है। दोनों पार्टियों ने लोधी जाति के उम्मीदवार मैदान में उतारे है जिससे वोटो का धुर्वीकरण होगा। दमोह लोकसभा सीट से कुर्मी पटेल यादव दांगी जाति वोटो की भी एहम भूमिका होगी बसपा भी यहाँ खेल बिगाड़ सकती है। कुल मिला कर मुकाबला रोचक होने की पूरी उम्मीद है।
देखा जाये तो बहुजन समाजवादी पार्टी ने लोकगायक जितेंद्र खरे को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है। जित्तू खरे दमोह लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय है और एक बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी जीत चुके है। वही पथरिया से बसपा का विधायक राम बाई के होने का भी उन्हें फायदा मिलेगा।
भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर के बीच बसपा भी अब रेस में जगह बना चुकी है। बसपा खेल बिगड़ने के हिसाब से अपनी जगह मैदान में बना चुकी है।हालांकि अभी वोटिंग में काफी वक़्त है। बसपा कांग्रेस बीजेपी को क्या नुकसान और खुद के लिए क्या फायदा कर पाती है ये वक़्त ही बताएगा फिलहाल भाजपा के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना उतना आसान नहीं है जितना की पिछली बार के चुनावो में था वही कांग्रेस दमोह लोकसभा सीट पर पैदा हुए इन समीकरणों को कितना भुना पाती है ये भी देखना होगा।