सागर जिले के खुरई के सिविल अस्पताल में अस्थाई रुप से कोविड काम के लिये भर्ती किये गये कर्मचारियों की सेवायें समाप्त कर दी गई। जिसके बाद उन्होंने गुमराह कर सेवा पर रखकर बाहर निकालने का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर धरना दिया।
ऐसा बताया गया कि खुरई में कोविड केयर सेंटर बनने के बाद कई कर्मचारियों की जरूरत पड़ी जिस पर मंत्री भूपेन्द्र सिंह के मौखिक निर्देश पर अस्थाई सेवाओं के लिये 3 महीने की नियुक्ति पर 22 कर्मचारियों को काम पर लिया गया था। जिसमें स्टाफ नर्स वार्ड बॉय और सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। आरोप है कि जिला चिकित्सा अधिकारी ने सभी कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हुये सेवाओं के समाप्त होने की सूचना दी। इससे परेशान सभी कर्मचारियों ने मालथौन में मंत्री भूपेन्द्र सिंह को ज्ञापन सौंपा था। साथ ही खुरई सिविल अस्पताल के बाहर धरना देकर मांगे रखी कि उन्हें सेवा पर रखने के पहले संविदा पर नियुक्त करने का आश्वासन दिया था। जिसके कारण प्राईवेट नौकरी छोड़कर भविष्य बनाने के लिये आवेदन किया था। लेकिन उल्टे न तो प्राईवेट नौकरी के रहे और यहां से भी निकाल दिया गया। किये गये काम का वेतन तक नहीं दिया गया।
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