दस साल पहले गुम हुआ बेटा जब मिला तो पिता की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। जो उसके आने का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। सागर जिले के गढ़ाकोटा में पिता से बेटे को अहमदनगर की संस्था ने मिलवाया। ये शख्स दमोह जिले के खोजाखेड़ी का रहने वाला है। दरअसल हरीराम कुर्मी के तीन बेटो में सबसे बड़ा बेटा मुकेश उर्फ श्रीराम 10 साल पहले मानसिक स्थिति ठीक न होने से अपने घर से भाग गया था। जो घूमते घूमते अहमदनगर नगर जा पहुंचा। वहां पर वह एक स्वयंसेवी संस्था स्नेह श्रद्धा को सड़क पर खराब हालत में मिला। संस्था के संचालक डॉ भरत वाटवानी और उनकी पत्नी डॉ स्मिता ने अपनी मेंटल अस्पताल में मुकेश को दो महीने तक भर्ती कर उसका मानसिक इलाज किया तो मुकेश की याददाश्त वापिस आ गयी तब उसने उन्हें बताया कि वह दमोह जिले के खोजाखेड़ी गांव का रहने वाला है। तो संस्था के प्रोजेक्ट ऑफिसर दीनानाथ निषाद ने मुकेश के पिता से संपर्क किया जहां उन्होंने अपने बेटे को 10 साल पहले गुम होने की जानकारी दी। वे सीधे बस से मुकेश को अहमदनगर से गढ़ाकोटा लेकर आये यहां मुकेश के पिता हरिराम भी आए। उन्होनें जब 10 साल पहले गुम हुए अपने बेटे को देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नही रहा। उन्होंने उस संस्था का आभार व्यक्त किया। और बाइक से अपने बेटे को अपने घर वापिस ले गए जहाँ पर उसकी माँ बेटे के आने का इंतज़ार कर रही थी। जानकारी के मुताबिक इस संस्था को मुकेश अप्रैल 2021 में नाजुक हालत में मिला था। संस्था ने मुकेश को दवाइयां भी दी है साथ ही किसी प्रकार की मानसिक परेशानी के लिए मोबाइल नम्बर भी दिया।
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