एक ओर जहां अधिकारी वैक्सीनेशन ज्यादा से ज्यादा किया जा सके इसके लिए गाव गांव पहुँचकर लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील कर रहे हैं। वहीं आज अशोकनगर जिले के मुंगावली नगर में वैक्सीनेशन सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तुगलकी फरमान देखने मिला जहां ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर टीका लगवाने पहुँचे लोगों को टीकाकरण से पहले कोरोना का आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य कर दिया। जिसका लोगों ने विरोध किया और उसके बाद भाजपा कांग्रेस के स्थानीय पदाधिकारियों के अलावा तहसीलदार दिनेश सांवले और नायाब तहसीलदार शैलेन्द्र भार्गव ने मौके पर पहुँचकर यहां मौजूद बीएमओ अमित पांडेय से चर्चा की और वैक्सीनेशन कक्ष में कोरोना की सेम्पलिंग कैसे की जा रही है के बारे में पूछताछ की साथ ही तुरंत कोरोना की सेम्पलिंग को बंद कराया।
वहीं देखा जाए तो उस समय मिडिल स्कूल वैक्सीनेशन सेंटर पर स्थिति बिगड़ गई जब अचानक स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने यहां लाइन में लगे लोगों की टीकाकरण से पहले कोरोना की जांच की जाने लगी जिसका लोगों ने विरोध किया। जिसके बाद मौके पर पहुँचे बीएमओ ने जिले के अधिकारियों के पत्र का हवाला देकर वैक्सीनेशन जरूरी बताया लेकिन लोगों का कहना था कि उन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है किसी तरह की कोई शर्त नही दी गई कि कोरोना की जांच कराना आवश्यक होगी। जिसके बाद लगभग दो घण्टे तक अधिकारियों से बातचीत हुई और उसके बाद सेम्पलिंग को बंद करा दिया लेकिन आगे कोरोना की जांच अनिवार्य होगी या नही यह स्पष्ट नहीं हुआ।
मुंगावली बीएमओ ने कहा कि जांचे नही हो रही इसलिये यहाँ जांच कराई जा रही है
तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि वैक्सीनेशन के दो दिन बाद कोई व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। क्योंकि पॉजिटिव व्यक्ति को तीन माह तक वैक्सीनेशन न कराने की गाइडलाइन जारी हुई है।
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