वैक्सिनेशन करवाने फिर बदला नियम, टीका लगवाने लोग हो रहे परेशान || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS ||
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद भी वैक्सीनेशन कछुआ चाल से ही हो रहा है। इसकी वजह यह है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बार-बार नियम बदलने का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। खासकर 18 से 44 साल आयु वर्ग के लोग ज्यादा परेशान हैं।
24 मई को आदेश जारी किया गया था कि अब इस वर्ग के लोग ऑफलाइन यानी सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीन लगवा सकेंगे। 26 मई देर शाम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारियों को एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि प्रदेश के चारों महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर व जबलपुर के अलावा 12 नगर निगम बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सतना, रीवा, देवास, कटनी, खंडवा, मुरैना, रतलाम, सागर, सिंगरौली व उज्जैन के क्षेत्र में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को 100% ऑनलाइन बुकिंग से ही वैक्सीन लगाई जाएगी।
शेष जिलों में जिला मुख्यालय को छोड़कर गांव-कस्बों क्षेत्रों में वैक्सीनेशन 100% ऑफ लाइन बुकिंग के माध्यम से हाेगा। यहां सेंटर पर टोकन सिस्टम रहेगा। जो व्यक्ति पहले पहुंचेगा, उसे पहले टीका लगाया जाएगा।
प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 82 हजार 585 डोज लग पाए हैं। इसमें से 20 दिनों में 18 से 44 साल आयु के मात्र 9 लाख 56 हजार लोगों को टीका लग पाया है। यह वर्ग जिस रफ्तार से टीका लगवा रहा है, उसकी मांग सरकार पूरी नहीं कर पा रही है।
-अब तक केवल कोवीशील्ड व कोवैक्सिन के टीके ही सरकार खरीद रही है। अब दोनों कंपनियां मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं कर पा रही हैं।
-सरकार ने ग्लोबल टेंडर करने का फैसला लेने में भी देर कर दी। दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित 12 राज्यों के बाद मप्र ग्लोबल टेंडर की तरफ गया।