मदर्स डे स्पेशल-दो अनाथ बच्चों के लिए ये माँ मिसाल बन गयी जानिए पूरी कहानी STVN INDIA|SAGAR TV NEWS
यूं तो मां की ममता और दुलार हमें जन्म लेने से पूर्व से गर्भावस्था से ही प्राप्त होने लगता है जो जीवनपर्यत मिलते रहते हैं। विश्वस्तर पर मई के दूसरे रविवार को मनाए जाने वाले मदर्स डे ने आज की संकुचित होती परिवार परंपरा में मां के लिए एक खास दिन देकर मातृत्व और वात्सल्य के स्नेहमयी अनुपम संबंधों के प्रति एक उपहार ही भेंट किया है। आज पूरे विश्व में यह पर्व मनाया जा रहा है। मां की अनमोल ममता के लिए उस जननी के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का दिन है
हम आज आपको एक ऐसी मां की कहानी बताने जा रहे हैं.. जिस मां ने दो अनाथ बच्चों को मां कहने का सौभाग्य दिया तस्वीरे मे पढाई कर रहे यह दो बच्चे इस मां के नहीं है। इन बच्चों का कोई नहीं था तस्वीरों मे दिख रहे बच्चों मे एक का नाम राम और दूसरी बच्ची का नाम गंगा है.. और इसके साथ तस्वीरे मे दिख रही इस महिला का नाम शर्मिला विश्वकर्मा है.. जो सागर जिले के देवरी की रहने वाली है यह महिला इन बच्चों को करीब 7 सालों से अपने पास रखे है और इन बच्चों का बखूबी ढंग से पालन पोषण कर रही है
अगर शर्मिला जी की बात की जाए तो इनका तलाक हो चुका है और यह वन विभाग मे बाबू के पद पर पदस्थ है... ऐसा नहीं है कि शर्मिला के पास कोई बच्ची नहीं है इनके पास एक बच्ची है जो डाक्टरी की पढाई कर रही है.. उसके बाद भी यह दोनो बच्चों को अपने पास रखकर उनको मां का प्यार दे रही है.. शर्मिला का कहना है कि उन्हें एक बच्चा सागर चाइल्ड लाइन के माध्यम से दिया गया था.. और दूसरी बच्ची वह नरसिंहपुर जिले मे स्थित बरमान घाट से एक बाबा के पास से लाई थी..वह बताती है कि उन्होंने बच्ची गंगा के लिए करीब दो वर्षों कोर्ट केस भी लडा..तब वह बच्ची को अपने पास रख पाई बाईट
शर्मिला कहती है कि जब तक मैं रहूगी किसी भी प्रकार की इन बच्चों को मां की कमी महसूस नहीं होने दूगी..अपनी बच्ची से भी ज्यादा प्यार दूगी. बाईट मदर्स डे के मौके पर हम इस मां की ममता को दिल से सलाम करते हैं...।