सागर जिले के खुरई के कुााभाऊ ठाकरे वार्ड निवासी एक युवक ने खुरई की निजी अस्पताल व सिविल अस्पताल पर अपनी बहिन की मौत का जिम्मेदार बताते हुये गंभीर आरोप लगाये है।
भाई प्रदीप ने बताया कि उसकी बहिन को आक्सीजन की कमी के चलते सिविल अस्पताल में भर्ती कराने गये थे लेकिन गेट पर ही लगभग एक घंटे ऑटो में इंतजार करना पड़ा। भर्ती कराने के लिये जद्दोजहत चलती रही। कोविड वार्ड के डाॅक्टर व स्टाफ नर्सो ने लापरवाही करते हुये देर से भर्ती किया जिससे उसकी भर्ती करने के 10 मिनट बाद ही बहन की मौत हो गई। पीड़ित ने बताया कि उसकी 30 वर्षीय बहिन सरिता आठिया को 1 मई को सर्दी खांसी व बुखार के चलते इंद्रप्रस्थ कालोनी स्थित पारस अस्पताल में भर्ती कराया था। जिसके बाद उसे जांच के बाद एक्सरे और अन्य जांचे कराई गई थी।जब निजी अस्पताल में स्थिति बिगड़ने लगी तब निजी डॉक्टर ने सिविल अस्पताल जाने की सलाह दी। कहा कि उनके पास ऑक्सीजन नहीं है। ऑक्सीजन लेबल कम हो गया है।
सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के बाद मृतिका का अंतिम संस्कार नगरपालिका ने कोविड गाईड लाईन के तहत कराया। जानकारी लेने पर बीएमओ डॉ शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि उनसे एक दो बार बात हुई। उस समय बताया था कि मरीज यदि पाजीटिव नहीं है तो कोविड सेंटर में पाजीटिव हो सकती है। इसके बाद वे बैठक में चले गये। स्टाफ से जानकारी लेने पर पता चला कि मरीज को जिस समय लाया गया था। उस समय उसका आक्सीजन लेबिल 40 प्रतिशत था।
जब इस संबंध में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह को घटना के बारे में अवगत कराया तो उन्होंने जांच के बाद कार्यवाई का आश्वासन दिया है।
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