पिछले वर्ष कोरोना काल में आरक्षक शिवराम देवलिया सहित तीन पुलिसकर्मीयों का निधन हो गया था इन्होने अपनी जान की परवाह किये बिना ही कर्तव्यों का निर्वहन करने में पीछे नहीं हटे, जिससे वे ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए और फिर ईलाज के दौरान जिंदगी की जंग हार गए, विभाग ने इन्हे शहीद का दर्जा देकर पुलिस कार्यालयों में पोस्टर लगा लिए, जबकि मुख्यमंत्री ने कोरोना से शहीद होने वाले योद्धाओं को 50-50 लाख रूपयो की राशि और परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नौकरी देने की घोषणा की थी, आरक्षक शिवराम देवलिया को शहीद करीब एक साल होने को है लेकिन उनके परिवार को ना तो यह राशि दी गई है ना नौकरी मिली है ना पेंशन की व्यवस्था हो पाई है आलम यह है कि घर ख़र्च भी जैसे तैसे करके चला रही है। इसको लेकर जब शहीद शिवराम की पत्नी से बात की तो उनका रो रो कर बुरा हाल था रश्मि ने बताया की घर में तीन बेटियां है और अभी तक कोरोना योद्धा का लाभ नहीं मिला है, सभी जगह आवेदन दे चुके है अब सरकार से ही आस है की जल्द ही वह हम लोगो की बात सुन ले।
ऐसे ही आस अन्य दो पुलिसकर्मी रामेंद्र मिश्रा और भरत पांडे के परिजनों को भी है।
वही इसको लेकर एएसपी विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिस विभाग ने कलेक्टर के माध्यम से फाइल गृहमंत्रालय भेज दी है।
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