दमोह जिले के पथरिया में नगर परिषद के कर्मचारी एक महिला के शव को लेकर भटकते रहे लेकिन घंटों तक उसे चिता नसीब नहीं हुई। दरअसल पथरिया की एक वृद्ध महिला को कोरोना वायरस होने पर गंभीर हालत में पथरिया अस्पताल में भर्ती किया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। इसके बाद बीएमओ ने इसकी सूचना नगर परिषद को दी कर्मचारी अस्पताल से शव वाहन में रखकर मुक्तिधाम पहुंचे। लेकिन वहां अंतिम संस्कार के लिए ना तो लकड़ियों का इंतजाम था ना ही वहां कोई मौजूद था। करीब 1 घंटे तक नगर परिषद के कर्मचारी परेशान होते रहे जिन्होंने अधिकारियों को फोन लगाकर बातचीत भी की लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। तो कर्मचारी महिला के शव वापिस अस्पताल ले गए। वहीं मृतिका के परिजनों के आने के बाद लकड़ियों का इंतजाम हुआ फिर उसका अंतिम संस्कार हो सका। पूरे मामले में मुख्य नगर परिषद अधिकारी प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि उन्होंने परिवारजनों का इंतजार किया इसलिए समय लग गया। जिम्मेदारों ने तो अपना पल्ला झाड़ लिया लेकिन बदइंतजामी का जिम्मेदार कौन है ये बाद सवाल है।
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