मुस्लिम युवाओं ने दिखाई इंसानियत, महिला का हिंदू रीति रिवाज से कराया अंतिम संस्कार
कहते है मानवता से बड़ा कोई धर्म, कोई मजहब नही होता, इसे सच कर दिखाया है सागर के मुस्लिम युवाओं ने, जहां इलाज के अभाव में एक महिला की मौत हो गई, महिला के अंतमि संस्कार करने के लिए उसे मुक्तिधाम तक पहुंचाने के लिए उसकी 3 बेटियां और पति भटक रहा था जब किसी ने मदद नहीं की तो सागर कब्रिस्तान की तंजीम कमेटी के कुछ युवा आगे आये और न सिर्फ शव को शमशान तक ले गए बल्कि पूरी रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार करवाया। दरअसल सुभाषनगर वार्ड की निवासी उर्मिला विश्वकर्मा की तबियत खराब हो गई थी अरु अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई थी, लेकिन कोरोना के डर की वजह से लोगो ने उसे हाथ तक लगाना मुनासिब नहीं समझा तब इन युवाओं ने मिशाल पेश की है। इसके पहली इन्होने रामपुरा निवासी एक शख्स के शव को शमसान पहुंचाकर मिसाल पेश की थी।