बेगमगंज(रायसेन)- बेगमगंज तहसील के सुनवाहा गांव मैं मां जगतारण दरबार एक अद्भुत और चमत्कारी दरबार है माता सती के 51 शक्तिपीठों में यह भी एक शक्तिपीठ बताया जाता है। मां जगतारण का मंदिर शक्तिपीठ के रूप में स्थापित है इसमें प्राचीन देवी की दर्शनीय प्रतिमा विराजमान है मां जगतारण की ख्याति सिर्फ सुनवाहा सुल्तानगंज बेगमगंज क्षेत्र में ही नहीं अब तो पूरी रायसेन और सागर जिले में हैं नवरात्रि के दौरान तो यहां पर 9 दिनों तक भक्तों द्वारा अपने शरीर पर ज्वारे भी बोते हैं शक्ति की उपासना का विशेष आयोजन होता है साथ ही मेला भी लगता हैं रायसेन सागर और आसपास के जिलों से भी हजारों श्रद्धालु यहां माता के दर्शन को आते हैं सुनवाहा गांव में स्थित मां जगतारण माता मंदिर भक्तों की आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र है। रायसेन से उत्तम ठाकुर के साथ मुकेश पाठकर सागर टीव्ही न्यूज
पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान शंकर माता सती की मृत शरीर को अपने कंधे पर लेकर तांडव नृत्य करने लगे तो ब्रह्मांड को पहले से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता के मृत शरीर को 51 भागों में काट दिया मान्यता अनुसार सुनवाहा ही वह जगह है जहां माता की नाक की सोने की नाथ गिरी थी भक्तों के अनुसार यहां पर अनेक देवी साधकों ने देवी की साधना करके अपनी मनोकामनाएं पूर्ण की हैं मां जगतारण मंदिर में पूजा उपासना का बड़ा महत्व है इस शक्तिपीठ की देखरेख एवं पूजा पंडित दिलीप भटेले करते हैं और वे इसे चमत्कारिक स्थान मानते हैं
समिति सेवक जयपाल सिंह ठाकुर ने बताया माता के दरबार में 9 दिन बड़े ही धूमधाम से भक्त अपनी मुरादे लेकर आते हैं और पूरी होने पर माता को प्रसाद चढ़ाकर सुख समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं माता के दरबार में जो भी मुराद लेकर आया खाली हाथ वापस नहीं गया माता के दरबार में 9 दिन तक भागवत कथा का आयोजन भी हो रहा है