प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भले ही लंबे लॉकडाउन के पक्ष में ना हो लेकिन एमपी के बैतूल स्थित के गांव में ग्रामीणों ने कोरोना की चैन तोड़ने स्वेच्छा से 10 दिन का लॉक डाउन लगा दिया है। बैतूल परतवाड़ा मार्ग पर खेड़ी सावलीगढ़ की जनसंख्या आठ हजार है। इस गांव में वर्तमान में कोरोना के 27 एक्टिव केस है। और यहां पर 4 मौत हो चुकी हैं। जिसके चलते ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत और व्यापारियों ने मिलकर निर्णय लिया कि संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन ही अच्छा उपाय है।
दरअसल महाराष्ट्र की सीमा से लगे बैतूल जिले में भी कोरोना बेकाबू हो गया है। यहां हर दिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की एवरेज संख्या 65 हो गई है। अकेले मार्च के महीने में खेड़ी सावलीगढ़ में 18 कोरोना मरीज पाए गए थे। जिसमें एक परिवार के 10 सदस्य शामिल थे। मरीजों की संख्या बढ़ते देख ग्रामीणों ने लॉकडाउन जैसा कड़ा कदम उठाने का निर्णय ले लिया।
ग्रामीणों ने स्वेच्छा से लॉक डाउन लगाने का प्रस्ताव प्रशासन के सामने रखा तो उन्होंने भी सहमति दे दी। ग्रामीणों ने खेड़ी सावलीगढ़ के गांव में और गलियों में बैरिकेट्स भी लगाए हैं। 1 अप्रैल से 10 अप्रैल तक लगे इस लॉकडाउन में गांव की सभी दुकानें बंद है। और लोग भी घर से नहीं निकल रहे हैं
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