शिकारियों को पकड़ने गई टीम पर ग्रामीणों का कहर, वनरक्षक बंधक, वनकर्मियों पर हमला! |SAGAR TV NEWS|
एमपी के रीवा जिले में मंगलवार शाम एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया, जब अवैध शिकार रोकने पहुंची वन विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। मामला ग्राम पंचायत कल्याणपुर के हरिजनपुरवा का है, जहां जंगली सूअर का करंट लगाकर शिकार किए जाने की सूचना पर वन अमला कार्रवाई करने पहुँचा था। लेकिन थोड़ी ही देर में हालात इतने बिगड़े कि वनरक्षक अंशुमान साकेत को ग्रामीणों ने कमरे में बंद कर बंधक बना लिया। जानकारी के अनुसार, वनरक्षक अभिभावन चौबे ने रमाकांत कोल को अवैध शिकार के आरोप में पकड़ा था और पूछताछ की जा रही थी। तभी पाँच से अधिक ग्रामीण अचानक मौके पर पहुँच गए। भीड़ आक्रामक हो गई, वनकर्मियों को घेर लिया गया और धक्का-मुक्की के साथ मारपीट शुरू हो गई।
इस दौरान वनरक्षक हरीशंकर पाल भी घायल हो गए। इसके बाद स्थिति और तनावपूर्ण तब हुई जब ग्रामीणों ने अंशुमान साकेत के मोबाइल में मौजूद वीडियो और फोटो जबरन डिलीट कराए और उसे कमरे में बंद कर दिया। सूचना मिलने पर पनवार पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची। पुलिस को देखकर भीड़ भाग खड़ी हुई और अंशुमान साकेत को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
ग्रामीणों का पलट आरोप – “घर में घुसकर गाली-गलौज की” मामले में ग्रामीणों का पक्ष बिल्कुल अलग है। ललता कोल, सुषमा देवी कोल और छेदीलाल कोल सहित कई लोगों ने आरोप लगाया कि वन विभाग की टीम रात में बिना महिला कर्मचारी और बिना ग्राम प्रतिनिधि के घरों में घुसकर गाली-गलौज कर रही थी। ग्रामीणों का कहना है कि “असल शिकारी तो मौके से भाग निकले, लेकिन हम आदिवासी परिवारों पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
” ग्रामीणों ने यह भी कहा कि देर रात 8 बजे उनके दरवाजे खटखटाए गए और महिलाओं के साथ बहसबाज़ी की गई, जिसके बाद गुस्सा बढ़ा और विवाद गंभीर हो गया। पुलिस ने किया केस दर्ज, मुख्य आरोपी फरार थाना प्रभारी पनवार प्रवीण उपाध्याय ने बताया कि वन अमले पर हमला, बंधक बनाने और मारपीट के मामले में अपराध दर्ज कर लिया गया है। पकड़ा गया आरोपी रमाकांत कोल को न्यायालय ने जेल भेज दिया है, जबकि मुख्य आरोपी अब भी फरार है। उसकी तलाश जारी है।