यहां तालाब ने उगली भगवान की पुरातन काल की मूर्तियां || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS ||
बुंदेलखंड का सालों से अपना खासा महत्व है। आज भी इमारतें और कई सारी अन्य प्राचीन चीजें हैं। ऐसे ही सागर जिले के रहली क्षेत्र अंतर्गत भी एक ऐसा ही सिद्ध स्थान है। जहां एक तालाब है। लोगों का ऐसा कहना है की इस तालाब से पुरातन काल की मूर्तियां निकलती हैं। ये कुड़ई मौजा स्थित कानमढ़ नामक स्थान है। श्री देव कालियां नाथ के नाम से विख्यात इस मंदिर के पास एक गुफा भी है। स्थानीय लोग कहते हैं। की ये वरमान तक जाती है। कई समय पहले यहाँ एक महात्मा नित्य शाम रहा करते थे। जो वरमान जाकर सुबह स्नान करके गुफा के रास्ते वापिस इस स्थान पर आते थे। यहां पर कई शिलायें भी मौजूद हैं हालांकि इसके बारे में लोगों को बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है की ये कब की हैं। श्री देव कालिया जी मंदिर गढ़ाकोटा नगर के कानमढ़ गांव में स्थित है। यह मंदिर दमोह बलेह, मार्ग पर पढ़ता है। मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन बताया जाता है। मुख्य रूप से यह नाग देवता के लिए समर्पित है मंदिर में चंद्र नागेश्वर की प्रतिमा जो उज्जैन में स्थित है उससे मिलती-जुलती है। यहां पर हनुमान और भगवान गणेश की के अलावा भोलेनाथ की प्रतिमा विराजमान हैं। साल 1989 में क्षेत्रीय विधायक गोपाल भार्गव ने गो मुक्ति आंदोलन यहां से शुरू किया था। वर्तमान समय में इस मंदिर से होकर गुजरने वाली बरमान से बांदकपुर की पदयात्रा माघ और वैशाख महीने में यहां से गुजरती है। जिसमें हर साल दो से तीन लाख लोग यहां से निकलते हैं। साथ ही मकर संक्राति पर मेला भी लगता है। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं कि भीड़ उमड़ती है। मंत्री गोपाल भार्गव ने यहां सामुदायी भवन बनवाये हैं। इसके आलावा कई और भी सुविधाएँ मौजूद हैं। यहां अंदर महादेव जी का मंदिर है। उस मंदिर के ऊपर पत्थर के 12 पिलर के ऊपर एक विशाल शिला रखी हुई है। जो काफी प्राचीन है। यहाँ मौजूद गुफा की लंबाई लगभग 50 से 8 मीटर है। यह नौरादेही अभ्यारण के अंदर आने वाला एकलौता स्थान है।