कलेक्टर बने रेत माफिया के लिए काल ! खुद पकड़े दो अवैध रेत वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली
एमपी के मुरैना से बड़ी खबर—जिले में अवैध रेत कारोबारियों की अब खैर नहीं! क्योंकि खुद कलेक्टर लोकेश जांगिड़ हाईवे पर रेत माफिया के लिए चलता-फिरता चेकपोस्ट बन गए। घटना जौरा तहसील मुख्यालय के जेल रोड की है, जहाँ कलेक्टर अचानक अवैध रेत से भरे दो ट्रैक्टर-ट्रॉली के सामने आ गए… और फिर जो हुआ, उसने पूरे प्रशासनिक सिस्टम को हिला दिया।
कलेक्टर लोकेश जांगिड़ ग्राम पंचायत निधान का निरीक्षण करने जा रहे थे। रास्ते में उन्हें दो ट्रैक्टर-ट्रॉली संदिग्ध हालत में दिखाई दीं। वाहन को रोककर जांच की गई तो पता चला कि दोनों ट्रॉली चंबल नदी के प्रतिबंधित क्षेत्र की रेत से भरी हुई थीं। कलेक्टर ने बिना देरी किए मौके पर ही नायब तहसीलदार और जौरा पुलिस को बुलाया और दोनों वाहनों को तत्काल जब्त करने के निर्देश दिए।
आपको बता दें कि चंबल नदी का 435 किलोमीटर क्षेत्र वर्ष 1980 से संरक्षित घोषित है। यहाँ राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य स्थित है, जिस कारण इस एरिया में रेत का उत्खनन और परिवहन पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद रेत माफिया लगातार चोरी-छिपे उत्खनन कर इसे बाजार में बेचते हैं। लेकिन इस बार किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया—सीधे कलेक्टर की गाड़ी से टकरा गए!
स्थानीय सूत्र बताते हैं कि रेत की यह खेप रात में नदी से निकाली गई थी और जौरा क्षेत्र में बिक्री के लिए ले जाई जा रही थी। लेकिन बीच रास्ते पर ही कलेक्टर ने दोनों ट्रॉली रंगे हाथों पकड़ लीं।
इस मामले में प्रशासन की ओर से एसडीएम जौरा शुभम शर्मा ने कहा—कलेक्टर साहब ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दोनों ट्रैक्टर-ट्रॉली को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है और आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
घटना के बाद रेत माफियाओं में हड़कंप है। जिले में संदेश साफ है— अवैध रेत कारोबार बंद करो… वरना कलेक्टर खुद रास्ते में खड़ा मिल जाएगा!