Sagar - गुटखा खाने से युवक का मुंह खुलना बंद हुआ, खाना छोड़ा, BMC में सर्जरी के बाद भोजन कर रहा
पान, गुटखा और तंबाकू जैसे पदार्थों का सेवन एक युवा की जिंदगी पर इतना भारी पड़ा कि उसका मुंह पूरी तरह बंद हो गया। यह स्थिति धीरे-धीरे इतनी गंभीर होती चली गई कि पिछले 5 साल से उसका पूरी तरह मुंह खुलना ही बंद हो गया था, जिसके कारण दो साल से वह केवल तरल भोजन लेकर किसी तरह जीवित था। लगातार कमजोरी, बोलने में कठिनाई और सामाजिक दूरी उसकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी थी, लेकिन जो बीमारी पूरे पांच साल में न ठीक हो सकी, उसे बीएमसी सागर के दंत रोग विभाग ने सिर्फ 3 घंटे की सर्जरी में ठीक कर दिया। अब युवक न सिर्फ ठीक से बोल पा रहा है, बल्कि सामान्य भोजन भी कर रहा है।
बीएमसी के मीडिया प्रभारी डॉ. सौरभ जैन ने बताया कि 24 वर्षीय अखिलेश ने कब पान-गुटखा की आदत शुरू की, यह उसे भी याद नहीं। धीरे-धीरे यह आदत उसके स्वास्थ्य पर असर डालने लगी। डॉक्टरों की भाषा में यह स्थिति सबम्यूकोस फाइब्रोसिस जैसी अवस्था की ओर जाती है, जिसमें मुंह के अंदर के ऊतकों का सिकुड़ना शुरू हो जाता
है। अखिलेश ने संभाग के कई चिकित्सकों से इलाज कराया, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। करीब 15 दिन पहले अखिलेश बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के दंत रोग विभाग पहुंचा। डॉ. स्वेता भटनागर ने मरीज की संपूर्ण जांच की, सर्जरी की तैयारी करने के निर्देश दिए। सर्जरी के दौरान सबसे बड़ी चुनौती थी कई वर्षों से सिकुड़े जबड़े को बिना नुकसान पहुंचाए पुनः खोलना और ऐसे केस में एनेस्थीसिया देना।
मरीज को फाइब्रो ऑप्टिक इंट्यूबेशन के द्वारा बेहोश किया गया। इसके बाद दंत रोग विभाग की डॉ. श्वेता भटनागर ने डॉ. रोहित शर्मा, डॉ. वैष्णवी व एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. इलयास, डॉ. दीपक गुप्ता की टीम के साथ लगातार 3 घंटे तक ऑपरेशन किया। सर्जरी में बंद मुंह के अंदर से फाइनोटिक बैंड्स को सावधानीपूर्वक हटाया गया और चेहरे से नेसो लेबियल फ्लैप लेकर मुंह को पुनः सामान्य किया गया। सर्जरी के बाद अखिलेश का जबड़ा धीरे-धीरे खुलने लगा। मंगलवार को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।