मोहन सरकार का बड़ा किसान तोहफा! 1.33 लाख सोयाबीन किसानों को मिला 233 करोड़ का भावांतर लाभ
मध्य प्रदेश में किसानों के लिए आज का दिन बेहद खास रहा। देवास जिले से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के 1 लाख 33 हजार से ज्यादा सोयाबीन किसानों को 233 करोड़ रुपये की राशि का डिजिटल वितरण (डीबीटी) किया। यह राशि किसानों को भावांतर योजना के तहत दी गई है — यानी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बाजार मूल्य के बीच का अंतर, जिसे अब सरकार खुद भर रही है। मुख्यमंत्री ने एक क्लिक में यह राशि किसानों के खातों में भेजी। इस योजना से हर किसान को औसतन 17,500 से 20,000 रुपये तक का आर्थिक लाभ मिला है।
देवास में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है। मोहन सरकार का हर फैसला किसान कल्याण के लिए है। खेत में पसीना बहाने वाले किसान को अब उसके परिश्रम का पूरा मूल्य मिलेगा। डॉ. यादव ने आगे कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है। उन्होंने विश्वास जताया कि भावांतर योजना जैसी नीतियों से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा आएगी।
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने यह भी कहा कि वे खुद एक किसान के बेटे हैं, और किसानों की समस्याओं — चाहे वह मंडी के दाम हों, मौसम की मार हो या कर्ज का बोझ — को भलीभांति समझते हैं। भावांतर योजना का उद्देश्य किसानों को फसल बेचने के बाद हुए घाटे से बचाना है। इस बार सोयाबीन फसल के दामों में वैश्विक गिरावट के बावजूद सरकार ने किसानों को नुकसान नहीं होने दिया। इस कदम से प्रदेशभर में किसानों में उत्साह और भरोसा दोनों बढ़ा है। देवास से उठी यह पहल अब पूरे मध्य प्रदेश में किसानों की आर्थिक खुशहाली की नई शुरुआत मानी जा रही है।