Sagar- इतिहास जीवंत हुआ गौर विवि में ! छात्रों ने 45 टेबलों पर रचा भारत के युगों का शानदार प्रतिरूप
सागर के डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में छात्र छात्राओं द्वारा एक एग्जीबिशन (प्रदर्शनी) का आयोजन किया गया जिसके केन्द्र में इतिहास की विषयवस्तु, ऐतिहासिक महापुरूष, युगों को विभाजित करने वाली घटनायें/विचारधारायें थीं। छात्रों ने सिंधु घाटी सभ्यता, गुप्तकाल का वैभव, सांची स्तूप की भव्यता, खजुराहो के कंदरिया महादेव मंदिर, शिक्षा के केंद्र नालंदा विश्वविद्यालय, दक्षिण के चोल साम्राज्य,
दिल्ली सल्तनत, मुगलकाल के स्थापत्य एवं शिल्प, हल्दीघाटी का युद्ध, गांधी के आश्रमों का, भारत विभाजन की विभीषिका, 1857 की क्रांति, चंद्रयान 3 का सफल प्रक्षेपण जैसे अनेक प्रतीकों का जीवंत प्रतिरूपण 45 टेबिलों पर चार हॉल मे किया गया। सुबह से ही विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र छात्राओं, शोध छात्रों, शिक्षिकों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं छात्रों के अभिभावकों, नगर के गणमान्य नागरिकों एवं पत्रकारों की उपस्थिति निरंतर बनी रही।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वाय.एस. ठाकुर, सागर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद राजबहादुर सिंह एवं सागर भाजपा जिला अध्यक्ष श्याम तिवारी ने एग्जीबिशन का विधिवत् रिबिन काटकर औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक अहिरवार एग्जीबिशन के संयोजक डॉ. पंकज सिंह, प्रो. बी.के. श्रीवास्तव, डॉ. संजय बरोलिया एवं शोध छात्र-छात्राओं ने अतिथियों का स्वागत किया।
अतिथियों द्वारा अवलोकन के अवसर पर जीवंत प्रतिरूपण की व्याख्या एवं सारतत्व की छात्रों द्वारा प्रस्तुती दी गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने छात्रों की इस रचनाधर्मिता एवं ऐतिहासिक घटनाओं को चित्रों एवं नमूनों (मॉडलों) की आत्मीय सराहना कर प्रोत्साहित किया।