मेडिकल स्टोर्स पर बिना लाइसेंस और फार्मासिस्ट के बिक रहीं थीं दवाइयां, एक दुकान सील, कई संचालक फरार!
एमपी के छिंदवाड़ा में संदिग्ध कफ सिरप पीने से 26 बच्चों की जान जाने के बाद पूरे प्रदेश का प्रशासन सतर्क हो गया है। इसी क्रम में एमपी के सागर संभाग के पन्ना जिले में भी बड़ी कार्रवाई देखने को मिली। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को जिला अस्पताल के सामने स्थित कई मेडिकल स्टोर्स पर छापामार कार्रवाई की। जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कुछ दुकानों में फार्मासिस्ट मौजूद नहीं थे, तो कुछ मेडिकल संचालकों के पास दवाइयों के वैध दस्तावेज तक नहीं मिले।
कई दुकानों में प्रतिबंधित दवाइयां भी पाई गईं। जैसे ही टीम पहुंची, कई संचालक अपनी दुकानें बंद कर मौके से फरार हो गए। स्थिति को गंभीर देखते हुए एसडीएम संजय नागवंशी ने तत्काल एक मेडिकल स्टोर को सील कर दिया और बाकी दुकानों के विरुद्ध रिपोर्ट तैयार की गई। यह कार्रवाई कोतवाली थाना क्षेत्र में की गई, जहां दवाओं की खरीद–फरोख्त का बड़ा केंद्र है।
प्रशासन का कहना है कि यह अभियान अब लगातार जारी रहेगा। जिले के सभी मेडिकल स्टोर्स की जांच की जाएगी ताकि किसी भी स्तर पर जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ न हो सके। संजय नागवंशी, एसडीएम पन्ना ने बताया कि ऐसी जांच आगे भी लगातार जारी रहेगी और नियमों का उल्लंघन करने वाले मेडिकल स्टोर संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। छिंदवाड़ा की त्रासदी ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है, और अब प्रशासन हरकत में है। सवाल यही है — क्या ये कार्रवाइयां आने वाले समय में लोगों की जान बचाने के लिए सचमुच असरदार साबित होंगी या फिर कुछ दिनों में सब सामान्य हो जाएगा?