महाकाल मंदिर में दिवाली की शुरुआत, फुलझड़ी जलाकर हुआ पर्व का शुभारंभ |SAGAR TV NEWS|
एमपी के उज्जैन से इस दिवाली की सबसे दिव्य और अनोखी तस्वीर सामने आई है। महाकाल की नगरी में रोशनी के इस पर्व की शुरुआत सबसे पहले किसी घर या बाज़ार से नहीं, बल्कि सीधे भगवान महाकालेश्वर के दरबार से हुई।
दिवाली के पर्व पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। परंपरा के अनुसार, हर साल दिवाली सबसे पहले महाकाल मंदिर से ही प्रारंभ मानी जाती है। इस बार भी मंदिर परिसर में एक फुलझड़ी जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत की गई और इसी के साथ भक्तों ने आस्था के दीप जलाकर भगवान से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।
जानकारी के अनुसार, सुबह से ही मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। गर्भगृह में भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया और पुजारियों द्वारा महाआरती के बाद दीपक और फुलझड़ी के साथ दिवाली पर्व का शुभारंभ किया गया। मान्यता है कि जब महाकाल नगरी में पहला दीप जलता है, तभी पूरे देश में रोशनी का पर्व शुरू होता है।
मंदिर परिसर में दीपों की जगमगाहट, शंख-घंटों की गूंज और भस्मारती के बीच भक्तों ने इस दिवाली को भगवान के सानिध्य में मनाया। श्रद्धालुओं का कहना था कि जब महाकालेश्वर स्वयं दीपोत्सव का आरंभ कर दें तो दिवाली का आनंद कई गुना बढ़ जाता है।
महाकाल मंदिर प्रबंधन ने इस अवसर पर विशेष सुरक्षा और व्यवस्था की। भीड़ के बावजूद दर्शन की सुव्यवस्था के लिए अतिरिक्त पंक्तियाँ लगाई गईं। फूलों, दीपों और रोशनी से सजा मंदिर परिसर एक अलौकिक दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।
भक्तों में इस शुभ घड़ी को लेकर गहरा उत्साह दिखा। कई श्रद्धालु परिवार सहित पहुंचे और महाकाल के दर्शन कर दिवाली की पहली पूजा की। उज्जैन की यह परंपरा एक बार फिर साबित करती है कि भक्ति और रोशनी का असली संगम महाकाल की नगरी से ही होता है।